New Delhi: केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 की तीसरी तिमाही में छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। अक्टूबर से दिसंबर 2025 तक सभी सरकारी बचत योजनाओं पर पहले जैसा ही ब्याज मिलता रहेगा। यह लगातार सातवीं तिमाही है जब इन योजनाओं की दरें स्थिर बनी हुई हैं। वित्त मंत्रालय ने इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ पर निवेशकों को 7.1 प्रतिशत का ब्याज मिलना जारी रहेगा। सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम में 8.2 प्रतिशत की दर बरकरार रहेगी। सुकन्या समृद्धि योजना पर भी 8.2 प्रतिशत का लाभ मिलेगा। किसान विकास पत्र में निवेशकों को 7.5 प्रतिशत ब्याज का फायदा मिलता रहेगा।
पोस्ट ऑफिस योजनाओं की स्थिति
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम में 7.4 प्रतिशत की दर लागू रहेगी। रिकरिंग डिपॉजिट खातों पर 6.7 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। पोस्ट ऑफिस बचत खातों पर 4 प्रतिशत की दर यथावत रहेगी। राष्ट्रीय बचत पत्र यानी एनएससी पर भी ब्याज दर में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। सभी योजनाओं की दरें जुलाई-सितंबर तिमाही जैसी ही रहेंगी।
वित्त मंत्रालय हर तीन महीने में इन दरों की समीक्षा करता है। बाजार में ब्याज दरों के रुख और आर्थिक हालात को देखते हुए यह निर्णय लिया जाता है। इस बार भी सभी कारकों का अध्ययन करने के बाद दरों को स्थिर रखने का फैसला हुआ। इससे करोड़ों छोटे निवेशकों को लाभ मिलेगा।
निवेशकों के लिए स्थिरता
ब्याज दरों में स्थिरता से निवेशकों को भविष्य की योजना बनाने में आसानी होती है। उन्हें पता रहता है कि उनके निवेश पर कितना रिटर्न मिलेगा। सरकारी बचत योजनाएं छोटे निवेशकों के लिए सुरक्षित विकल्प मानी जाती हैं। इनमें जोखिम की संभावना बहुत कम होती है।
पिछली बार इन योजनाओं की दरों में बदलाव जनवरी-मार्च 2024 की तिमाही में किया गया था। तब से अब तक सभी दरें स्थिर चल रही हैं। वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों में यह एक उचित निर्णय है। इससे बचत और निवेश को प्रोत्साहन मिलता है।
सरकारी बचत योजनाओं में निवेश करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ये योजनाएं आम लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। इनमें जोखिम कम होने के कारण लोग इन्हें पसंद करते हैं। बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट दरों के मुकाबले भी कई योजनाओं में ब्याज दर बेहतर है।
वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार नई दरें एक अक्टूबर 2025 से लागू होंगी। यह दरें 31 दिसंबर 2025 तक प्रभावी रहेंगी। इसके बाद अगली तिमाही में फिर से दरों की समीक्षा की जाएगी। तब आवश्यकता के अनुसार दरों में बदलाव भी किया जा सकता है।
