Business News: देश में स्टॉक मार्केट में निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़े बताते हैं कि जनवरी से सितंबर 2025 तक आठ महीने में एक करोड़ नए निवेशक जुड़े हैं। अब कुल निवेशकों की संख्या बारह करोड़ से अधिक हो गई है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सरकारी कर्मचारी भी शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं।
सरकारी नियमों में क्या प्रावधान है
सरकारी कर्मचारियों के लिए शेयर बाजार में निवेश को लेकर स्पष्ट दिशा निर्देश मौजूद हैं। सेंट्रल सिविल सर्विस कंडक्ट रूल्स 1964 के नियम 35 ए में इस बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। नियम के अनुसार सरकारी कर्मचारियों के लिए सट्टेबाजी वाली गतिविधियों में शामिल होना वर्जित है। इसका सीधा मतलब यह है कि अल्पकालिक व्यापार करने की अनुमति नहीं है।
क्या है सट्टेबाजी की परिभाषा
सरकारी नियमों के अनुसार बार बार शेयरों को खरीदना और बेचना सट्टेबाजी माना जाता है। इसमें इंट्राडे ट्रेडिंग और अल्पकालिक व्यापार शामिल हैं। ऐसी गतिविधियों में शामिल होने पर कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। हालांकि दीर्घकालिक निवेश पर कोई पाबंदी नहीं है। कर्मचारी लंबे समय के लिए शेयर खरीद सकते हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों के लिए विशेष नियम
वर्ष 2019 में केंद्र सरकार ने कुछ नए नियम जारी किए थे। ग्रुप ए और ग्रुप बी श्रेणी के अधिकारियों के लिए विशेष प्रावधान हैं। इन अधिकारियों को प्रति वित्त वर्ष पचास हज़ार रुपये से अधिक के निवेश की जानकारी देना अनिवार्य है। इससे पारदर्शिता बनी रहती है। हितों के टकराव की स्थिति से बचा जा सकता है।
किन निवेश विकल्पों की है अनुमति
सरकारी कर्मचारी म्यूचुअल फंड और डिबेंचर में निवेश कर सकते हैं। इनमें जोखिम कम होता है और दीर्घकालिक लाभ मिलता है। स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से शेयर बाजार में निवेश की भी अनुमति है। बस ध्यान रखना होता है कि निवेश सट्टेबाजी न लगे। दीर्घकालिक नजरिया रखना जरूरी होता है।
हितों के टकराव से कैसे बचें
सरकारी कर्मचारियों को ऐसा कोई निवेश नहीं करना चाहिए जिससे उनके कर्तव्यों के साथ टकराव हो। नौकरी से जुड़े गोपनीय जानकारी का उपयोग निवेश के लिए नहीं कर सकते। किसी भी प्रकार के अवैध लाभ लेने पर सख्त कार्रवाई होती है। नैतिक आचरण संहिता का पालन करना अनिवार्य होता है।
निवेश के समय किन बातों का रखें ध्यान
सरकारी कर्मचारियों को निवेश करते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। सभी निवेश की जानकारी सही तरीके से दर्ज करें। आय के स्रोत पारदर्शी होने चाहिए। किसी भी प्रकार की गैरकानूनी गतिविधि में शामिल न हों। नियमों का सख्ती से पालन करें ताकि बाद में कोई परेशानी न हो।
उल्लंघन करने पर क्या होगा
नियमों का उल्लंघन करने पर सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। अनुशासनात्मक जांच की जा सकती है। गंभीर मामलों में नौकरी जाने का खतरा भी रहता है। इसलिए निवेश करने से पहले सभी नियमों की अच्छी तरह जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए। सतर्कता और सावधानी बरतना जरूरी है।
