शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

गूगल क्रोम अलर्ट: CERT-In ने जारी की सुरक्षा चेतावनी, यूजर्स का डेटा हो सकता है चोरी

Share

Tech News: दुनिया के सबसे लोकप्रिय वेब ब्राउजर गूगल क्रोम के यूजर्स के लिए एक गंभीर चेतावनी जारी की गई है। भारत सरकार की एजेंसी इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम ने सुरक्षा संबंधी खामियों को लेकर अलर्ट जारी किया है। इन खामियों का फायदा उठाकर हैकर्स यूजर्स का महत्वपूर्ण डेटा चोरी कर सकते हैं।

CERT-In ने गूगल क्रोम में CVE-2025-13223 और CVE-2025-13224 नामक दो बड़ी सुरक्षा खामियों का पता लगाया है। इन्हें उच्च जोखिम वाली श्रेणी में रखा गया है। इन खामियों के जरिए अटैकर्स रिमोटली किसी सिस्टम को कंप्रोमाइज कर सकते हैं। क्रोम ब्राउजर का इस्तेमाल करने वाले सभी यूजर्स को सतर्क हो जाने की जरूरत है।

सुरक्षा खामियों का स्वरूप

ये सुरक्षा खामियां क्रोम के V8 इंजन में टाइप कंफ्यूजन एरर के कारण पैदा हुई हैं। यह इंजन जावास्क्रिप्ट और वेबअसेंबली को प्रोसेस करने का काम करता है। जब टाइप कंफ्यूजन एरर आता है तो ब्राउजर अनसेफ तरीके से मेमोरी को एक्सेस करने की कोशिश करता है। इस स्थिति में मैलिशियस कोड को एग्जीक्यूट किया जा सकता है।

हैकर्स इसका फायदा उठाकर यूजर्स के सिस्टम में हानिकारक प्रोग्राम इंस्टॉल कर सकते हैं। वे व्यक्तिगत डेटा तक पहुंच बना सकते हैं। फाइनेंशियल जानकारी चुरा सकते हैं। यहां तक कि पूरे सिस्टम पर कंट्रोल हासिल कर सकते हैं। इसलिए इन खामियों को गंभीरता से लेना जरूरी है।

यह भी पढ़ें:  गूगल जेमिनी: एआई असिस्टेंट पर लगा यूजर्स की प्राइवेसी ट्रैक करने का गंभीर आरोप, कोर्ट ने मांगा जवाब

गूगल की प्रतिक्रिया

गूगल ने भी CVE-2025-13223 खामी को लेकर आधिकारिक चेतावनी जारी की है। कंपनी के थ्रेट एनालिसिस ग्रुप ने 12 नवंबर को इस बग का पता लगाया था। यह वर्ष 2025 का सातवां जीरो-डे फ्लॉ सामने आया है। इसका मतलब है कि हैकर्स को इस बग के बारे में गूगल से पहले पता चल चुका था।

विंडोज और मैक पर 142.0.7444.175 या .176 से पुराने वर्जन खतरे में हैं। लिनक्स पर 142.0.7444.175 से पुराने वर्जन वाले यूजर्स को भी सतर्क रहने की जरूरत है। गूगल ने इन सभी प्लेटफॉर्म्स के लिए सिक्योरिटी पैच जारी कर दिया है। यह पैच ऑटोमैटिक अपडेट के जरिए यूजर्स तक पहुंच रहा है।

यूजर्स के लिए सलाह

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ यूजर्स को तुरंत कार्रवाई करने की सलाह देते हैं। अगर क्रोम में कोई अपडेट पेंडिंग दिख रही है तो उसे तुरंत इंस्टॉल कर लेना चाहिए। ब्राउजर को मैन्युअली चेक करके देखना चाहिए कि वह लेटेस्ट वर्जन पर चल रहा है या नहीं। सेटिंग्स में जाकर ‘अबाउट गूगल क्रोम’ ऑप्शन पर क्लिक करें।

यह भी पढ़ें:  PM Modi: जी-20 में पीएम मोदी की दो टूक, बोले- सुरक्षित एआई के लिए बने वैश्विक कानून

यहां आपको ब्राउजर का करंट वर्जन दिखाई देगा। अगर कोई अपडेट उपलब्ध है तो उसे इंस्टॉल कर लें। नियमित रूप से सॉफ्टवेयर अपडेट करना साइबर हमलों से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है। केवल क्रोम ही नहीं बल्कि अन्य एप्लिकेशन्स को भी अपडेट रखना जरूरी है।

भविष्य के लिए सावधानियां

साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता बेहद जरूरी है। यूजर्स को अज्ञात स्रोतों से लिंक पर क्लिक करने से बचना चाहिए। संदिग्ध वेबसाइट्स पर जाने से परहेज करना चाहिए। अनजान ईमेल अटैचमेंट्स को नहीं खोलना चाहिए। एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करना चाहिए।

सिस्टम को सुरक्षित रखने के लिए रेगुलर बैकअप लेना चाहिए। स्ट्रांग पासवर्ड का इस्तेमाल करना चाहिए। टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को एनेबल करना चाहिए। इन सावधानियों से साइबर हमलों के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। तकनीकी विशेषज्ञ नियमित रूप से सुरक्षा अपडेट्स पर नजर रखने की सलाह देते हैं।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News