Business News: सोने और चांदी की कीमतों में बुधवार को आई भारी गिरावट के बाद गुरुवार को कुछ सुधार देखने को मिला। एमसीएक्स पर दिसंबर गोल्ड फ्यूचर 1,22,300 रुपये पर खुला और 1,23,048 रुपये का उच्च स्तर छुआ। चांदी के फ्यूचर भी 1,46,068 रुपये पर कारोबार कर रहे हैं। बुधवार को सोना 1,28,271 रुपये के रिकॉर्ड स्तर से 7,200 रुपये सस्ता हो गया था।
बुधवार को आई भारी गिरावट
बुधवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोने की कीमतों में 5.61 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। सोना 1,20,600 रुपये प्रति दस ग्राम पर आ गया था। चांदी की कीमतों में चार प्रतिशत की गिरावट देखी गई। चांदी 1,43,900 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गई थी। यह गिरावट रिकॉर्ड तेजी के बाद मुनाफावसूली के कारण आई।
कीमतों में गिरावट के प्रमुख कारण
सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट के कई कारण सामने आए। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार वार्ता में सकारात्मक संकेत मिले। अमेरिकी डॉलर में मजबूती देखी गई। लगातार तेजी के बाद निवेशकों ने मुनाफावसूली की। भारत में त्योहारी सीजन की मांग समाप्त होने का भी असर पड़ा। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी समान रुझान देखे गए।
भविष्य के रुझान पर बाजार की नजर
निवेशकों की नजर अब सितंबर माह के अमेरिकी कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर टिकी है। यह आंकड़ा शुक्रवार को जारी होने की उम्मीद है। कोर मुद्रास्फीति के 3.1 प्रतिशत पर स्थिर रहने का अनुमान है। महंगाई के ये आंकड़े ब्याज दरों में संभावित कटौती को प्रभावित करेंगे। फेडरल रिजर्व की आगामी बैठक में 25 बेसिस प्वाइंट की दर कटौती की संभावना है।
ब्याज दरों और सोने की कीमतों का संबंध
कम ब्याज दरें सोने के लिए लाभकारी मानी जाती हैं। इससे बुलियन जैसी नॉन-यील्ड एसेट्स को रखने की अवसर लागत कम हो जाती है। हालांकि अल्पकाल में बाजार में उतार-चढ़ाव और मुनाफावसूली के कारण सोने की कीमतें नीचे बनी रह सकती हैं। वैश्विक आर्थिक स्थितियां भी कीमतों को प्रभावित कर रही हैं। निवेशक बाजार में आने वाली नई जानकारियों पर नजर बनाए हुए हैं।
चांदी के दामों में उतार-चढ़ाव
चांदी की कीमतों में भी सोने के समान रुझान देखे गए। बुधवार को चांदी में आई भारी गिरावट के बाद गुरुवार को कुछ सुधार हुआ। औद्योगिक उपयोग के कारण चांदी की मांग में बदलाव का असर दामों पर पड़ता है। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और औद्योगिक उत्पादन का चांदी की कीमतों पर सीधा प्रभाव पड़ता है। निवेशक धातुओं के बाजार में सतर्कता बनाए हुए हैं।
