Business News: धनतेरस पर रिकॉर्ड ऊंचाई के बाद सोने की कीमतों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। पिछले कुछ दिनों में सोने के भाव में सात हज़ार छह सौ रुपये प्रति दस ग्राम की कमी आई है। चांदी के दामों में भी नरमी का रुख बना हुआ है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोना कमजोर है।
मंगलवार को अमेरिकी स्पॉट गोल्ड में शून्य दशमलव तीस प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। यह तीन हज़ार नौ सौ नवासी डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। चांदी छियालीस दशमलर सड़सठ डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही है। वैश्विक बाजार का रुख घरेलू बाजार को प्रभावित कर रहा है।
गिरावट के प्रमुख कारण
विशेषज्ञों के मुताबिक सोने में गिरावट की बड़ी वजह अमेरिकी डॉलर का मजबूत होना है। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार समझौते की संभावना से भी बाजार प्रभावित हुए हैं। इन वजहों से निवेशकों का रुझान सोने से हटकर अन्य संपत्तियों की ओर बढ़ा है। हालांकि सोना लंबी अवधि के लिए सुरक्षित निवेश बना हुआ है।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अन्य मुद्राओं की स्थिति में बदलाव आया है। इससे सोने जैसी संपत्तियों पर दबाव पैदा हुआ है। निवेशक जोखिम भरे बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं। ब्याज दरों में संभावित बदलाव ने भी सोने की चमक को फीका किया है।
प्रमुख शहरों में आज के सोने के भाव
दिल्ली में चौबीस कैरेट सोना एक लाख तेईस हज़ार चार सौ बीस रुपये प्रति दस ग्राम पर है। बाईस कैरेट सोने का भाव एक लाख तेरह हज़ार एक सौ चालीस रुपये दर्ज किया गया। मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे शहरों में चौबीस कैरेट सोना एक लाख तेईस हज़ार तीन सौ बीस रुपये पर है।
बेंगलुरु और हैदराबाद में भी सोने के भाव में समान गिरावट देखी गई है। अहमदाबाद और पुणे में चौबीस कैरेट सोना एक लाख तेईस हज़ार तीन सौ बीस रुपये प्रति दस ग्राम पर कारोबार कर रहा है। बाईस कैरेट सोना एक लाख तेरह हज़ार चालीस रुपये पर पहुंच गया है।
सोना बना रहा सुरक्षित निवेश
वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के दौर में सोना सुरक्षित निवेश का विकल्प बना हुआ है। मंदी या युद्ध जैसी स्थितियों में निवेशक सोने की ओर रुख करते हैं। भारत में सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व के कारण सोने की मांग बनी रहती है। शादी और त्योहारों के मौसम में सोने की खरीदारी बढ़ जाती है।
ब्याज दरों में बदलाव का सोने के दामों पर सीधा असर पड़ता है। आर्थिक अनिश्चितता के समय में सोना एक मजबूत संपत्ति साबित होता है। भारतीय परिवारों के लिए सोना निवेश का पारंपरिक तरीका बना हुआ है। इसकी मांग कभी कम नहीं होती।
चांदी के दामों में रुझान
चांदी के भावों में भी नरमी का दौर जारी है। वैश्विक बाजार में चांदी के दामों में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। औद्योगिक demand में बदलाव का चांदी पर सीधा असर पड़ता है। भारत में चांदी के गहनों की मांग भी सोने जितनी ही strong है।
चांदी निवेश और औद्योगिक दोनों दृष्टि से महत्वपूर्ण धातु है। इसके दामों में उतार-चढ़ाव जारी रहने की संभावना है। बाजार विशेषज्ञ चांदी को भी medium अवधि के लिए अच्छा निवेश मानते हैं। इसकी कीमतों में अस्थिरता बनी रहती है।
