शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

सोना और चांदी: त्योहारों के बाद बाजार में दिखी ठंडक, दो दिन में सोना 710 रुपये सस्ता

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Delhi News: त्योहारों के मौसम के बाद सर्राफा बाजार में रौनक कम हो गई है। सोने और चांदी के दामों में गिरावट देखने को मिल रही है। दिल्ली सहित देश के प्रमुख शहरों में सोमवार को सोना और चांदी दोनों सस्ते हुए हैं। पिछले सप्ताह तक लगातार चढ़ रहे दामों के बाद अब बाजार में नरमी का दौर शुरू हो गया है।

दिल्ली में चौबीस कैरेट सोना दस रुपये प्रति दस ग्राम सस्ता हुआ है। बाईस कैरेट सोने के भाव में भी दस रुपये की गिरावट दर्ज की गई है। पिछले दो कारोबारी दिनों में सोने के दाम में काफी उतार आया है। चौबीस कैरेट सोना सात सौ दस रुपये और बाईस कैरेट सोना छह सौ साठ रुपये प्रति दस ग्राम नीचे चला गया है।

सोमवार को दिल्ली में चौबीस कैरेट सोना एक लाख बाईस हज़ार पांच सौ रुपये प्रति दस ग्राम पर बिक रहा है। बाईस कैरेट सोने का भाव एक लाख बारह हज़ार तीन सौ नब्बे रुपये प्रति दस ग्राम हो गया है। बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि डॉलर के मजबूत होने से सोने की कीमतों पर दबाव बना हुआ है।

चांदी के दामों में भारी गिरावट

चांदी के भाव में भी लगातार गिरावट जारी है। दिल्ली में चांदी का भाव लगातार दूसरे दिन टूटा है। पिछले दो दिनों में चांदी तीन हज़ार एक सौ रुपये प्रति किलो सस्ती हो चुकी है। सोमवार को चांदी एक लाख पचास हज़ार आठ सौ रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई है। यह गिरावट देश के अन्य बाजारों में भी देखने को मिली है।

मुंबई और कोलकाता में चांदी के भाव दिल्ली के समान हैं। वहीं चेन्नई का बाजार चांदी के मामले में सबसे महंगा बना हुआ है। चेन्नई में चांदी एक लाख चौंसठ हज़ार नौ सौ रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रही है। यह अंतर रसद लागत और स्थानीय कर के कारण हो सकता है।

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देशभर में सोने के आज के भाव

देश के विभिन्न शहरों में सोने के भाव में मामूली अंतर देखने को मिलता है। दिल्ली में बाईस कैरेट सोना एक लाख बारह हज़ार तीन सौ नब्बे रुपये पर है। मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद में बाईस कैरेट सोना एक लाख बारह हज़ार दो सौ चालीस रुपये प्रति दस ग्राम पर है। चेन्नई में यह एक लाख बारह हज़ार चार सौ नब्बे रुपये है।

चौबीस कैरेट सोने की बात करें तो दिल्ली और लखनऊ में इसका भाव एक लाख बाईस हज़ार पांच सौ रुपये है। मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद और पटना में यह एक लाख बाईस हज़ार चार सौ पचास रुपये पर है। चेन्नई में चौबीस कैरेट सोना एक लाख बाईस हज़ार सात सौ बीस रुपये प्रति दस ग्राम पर बिक रहा है।

डॉलर की मजबूती का असर

विश्लेषकों का कहना है कि डॉलर की मजबूती के कारण सोने की चमक फिलहाल थम सी गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव का सीधा असर घरेलू बाजार पर पड़ रहा है। ऑग्मोंट गोल्डटेक के अनुसार, वैश्विक बाजार में सोना तीन हज़ार नौ सौ बीस से चार हज़ार साठ अमेरिकी डॉलर प्रति औंस के दायरे में कारोबार कर रहा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सोना इस मूल्य सीमा को तोड़ने में सफल होता है तो इसकी कीमतों में तीन से पांच प्रतिशत तक की तेजी देखने को मिल सकती है। वहीं चांदी की कीमत छियालीस से उनचास अमेरिकी डॉलर प्रति औंस के बीच बनी हुई है। यह स्थिति बाजार में अस्थिरता का संकेत दे रही है।

क्या फिर से चमकेगा सोना?

निर्मल बैंग सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट का मानना है कि आने वाले दिनों में सोने में फिर से तेजी देखने को मिल सकती है। उनका अनुमान है कि मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोना एक लाख तेईस हज़ार रुपये प्रति दस ग्राम तक पहुंच सकता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह चार हज़ार दो सौ अमेरिकी डॉलर प्रति औंस के स्तर को छू सकता है।

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यह संभावना वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएँ और केंद्रीय बैंकों की सोना खरीदने की गतिविधि पर निर्भर करेगी। बाजार में हाल के दिनों में आई गिरावट को कुछ विशेषज्ञ खरीदारी का अच्छा मौका मान रहे हैं। उनका कहना है कि दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य में सोना एक मजबूत निवेश का विकल्प बना रह सकता है।

पिछले दस दिनों में सोने की चाल

पिछले दस कारोबारी दिनों में सोने के भाव में महत्वपूर्ण उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। सत्ताईस अक्टूबर को दिल्ली में चौबीस कैरेट सोना बारह हज़ार तीन सौ तैंतालीस रुपये प्रति दस ग्राम पर था। अगले दिन यह गिरकर बारह हज़ार सत्तानबे रुपये पर आ गया। इसके बाद कीमतों में उतार-चढ़ाव का दौर जारी रहा।

तीस अक्टूबर को सोना बारह हज़ार एक सौ तिरेसठ रुपये पर पहुंच गया। अगले ही दिन यह बढ़कर बारह हज़ार तीन सौ तैंतालीस रुपये हो गया। नवंबर महीने की शुरुआत में भाव में गिरावट देखी गई। पांच नवंबर को सोना बारह हज़ार दो सौ पचास रुपये प्रति दस ग्राम पर बंद हुआ। यह उतार-चढ़ाव बाजार की गतिशील प्रकृति को दर्शाता है।

बाजार में वर्तमान प्रवृत्ति को देखते हुए निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं। जानकारों का सुझाव है कि बाजार की दिशा साफ होने तक रुके रहना बेहतर रणनीति हो सकती है। अगले कुछ दिनों में अंतरराष्ट्रीय बाजारों से आने वाले संकेतों पर सोने और चांदी की कीमतें निर्भर करेंगी।

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