National Desk: नवंबर महीने की शुरुआत देवउठनी एकादशी के साथ हो रही है। इसके बाद देशभर में शादी का सीजन शुरू हो जाता है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि शादी-त्योहारों की बढ़ती मांग सोने और चांदी की कीमतों में तेज उछाल ला सकती है। फिलहाल, वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता के चलते घरेलू बाजार में कीमतें स्थिर से मिश्रित रुझान दिखा रही हैं।
आज के कारोबार में सोने और चांदी के भाव में हल्की नरमी देखने को मिली। एमसीएक्स पर 24 कैरेट सोने का भाव लगभग 1,23,000 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा। यह स्तर पिछले सप्ताह की तेजी के मुकाबले साप्ताहिक गिरावट का संकेत देता है। दिल्ली जैसे शहरों में सोना 1,22,380 रुपये पर और मुंबई में 1,24,480 रुपये पर बिका।
चांदी की कीमतें भी दबाव में रहीं। देश के विभिन्न राज्यों में चांदी 1,55,000 से 1,60,000 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच कारोबार करती देखी गई। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चांदी 10 ग्राम का भाव लगभग 1,550 रुपये के आसपास रहा। 27 अक्टूबर को चांदी के दामों में आई भारी गिरावट के बाद यह स्थिति बनी हुई है।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
बाजार विश्लेषकों के अनुसार, सोने और चांदी की कीमतों पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति का सीधा असर पड़ता है। अमेरिका में ब्याज दरों को लेकर अनिश्चितता के दौर में निवेशक अपने पोर्टफोलियो में बदलाव करते हैं। फेड के संकेतों और वैश्विक वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव ने सोने पर दबाव बनाया है।
साथ ही, तांबे जैसी अन्य धातुओं में तेजी ने भी कुछ निवेशकों का ध्यान खींचा है। इससे सोने और चांदी में खरीदारी और बिकवाली का दबाव बना रहता है। घरेलू स्तर पर त्योहारों के बाद मांग में उतार-चढ़ाव और लाभ लेने के लिए बिकवाली ने भी दामों को प्रभावित किया है।
नवंबर में क्या होगा सोने-चांदी का हाल?
विशेषज्ञों का अनुमान है कि नवंबर 2025 में सोने के दाम 1,25,000 से 1,30,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकते हैं। इसकी प्रमुख वजह शादी और त्योहारों के मौसम में बढ़ती खरीदारी है। दामों में मौसमी उछाल की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
वैश्विक स्तर पर बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के कारण भी सोना एक सुरक्षित निवेश विकल्प बना हुआ है। निवेशक अनिश्चितता के दौर में सोना खरीदना पसंद करते हैं। इसके अलावा, दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों द्वारा सोना खरीदे जाने से आपूर्ति और मांग का संतुलन भी कीमतों को समर्थन दे सकता है।
चांदी के मामले में भी आउटलुक सकारात्मक बना हुआ है। अगर अमेरिकी ब्याज दरें स्थिर रहती हैं तो चांदी के दामों में बड़ी गिरावट की उम्मीद नहीं है। अगले महीने चांदी 1,50,000 से 1,65,000 रुपये प्रति किलोग्राम की रेंज में ऊपर-नीचे हो सकती है।
कुछ अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स यह भी संकेत दे रही हैं कि चांदी प्रति औंस 40 अमेरिकी डॉलर के स्तर को छू सकती है। यह सालाना आधार पर लगभग 25 प्रतिशत की वृद्धि के बराबर होगी। हालांकि, यह केवल एक अनुमान है और बाजार की स्थितियों पर निर्भर करेगा।
निवेशक क्या रणनीति अपनाएं?
छोटी अवधि के व्यापारियों के लिए बाजार की अस्थिरता पर नजर रखना जरूरी है। फेड की बैठकों के परिणामों और वैश्विक संकेतों पर ध्यान देना चाहिए। मौका मिलने पर मुनाफा लेने की रणनीति कारगर हो सकती है। बाजार में उतार-चढ़ाव का फायदा उठाया जा सकता है।
लंबी अवधि के निवेशकों और गहने खरीदने वाले उपभोक्ताओं के लिए शादी के मौसम और स्थानीय मांग को ध्यान में रखना चाहिए। अगर आप उपहार के लिए खरीदारी कर रहे हैं तो कीमतों में आई मामूली गिरावट का लाभ उठा सकते हैं। लंबे समय में सोना और चांदी सुरक्षित निवेश का विकल्प बने रहने की उम्मीद है।
निवेश करते समय सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। वैश्विक संकेतों, अमेरिकी डॉलर के सूचकांक और केंद्रीय बैंकों की नीतियों में बदलाव कीमतों को अचानक प्रभावित कर सकते हैं। कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें। यह जोखिम प्रबंधन में मददगार साबित हो सकता है।
