शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

सोना और चांदी: भारतीय बाजार में कीमतों ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, निवेशकों में खुशी की लहर

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India Business News: भारतीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतों ने इस सप्ताह ऐतिहासिक उछाल देखा। अमेरिकी फेड रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती के बाद वैश्विक बाजार से मिले समर्थन ने यह रैली तेज की। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज और इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन दोनों ही प्लेटफॉर्म पर दोनों धातुओं के भाव आसमान छूने लगे। निवेशकों के लिए यह सप्ताह बेहद मुनाफे वाला रहा।

शुक्रवार को एमसीएक्स पर गोल्ड फ्यूचर्स नया रिकॉर्ड बनाया। पांच फरवरी 2026 एक्सपायरी वाला गोल्ड एक प्रतिशत से अधिक की तेजी के साथ 1,33,868 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया। ट्रेडिंग के दौरान यह 1,33,967 रुपये के नए ऑल टाइम हाई स्तर को छू गया। गुरुवार के बंद भाव की तुलना में यह जबरदस्त उछाल था।

चांदी ने इस दौरान सोने से भी अधिक प्रभावशाली प्रदर्शन किया। एमसीएक्स पर सिल्वर ने पहली बार प्रति किलो दो लाख रुपये का जादुई आंकड़ा पार कर दिया। पांच मार्च 2026 एक्सपायरी वाली चांदी 2,00,362 रुपये के उच्च स्तर पर पहुंची। वैश्विक स्तर पर चांदी की आपूर्ति में कमी ने इस तेजी को और मजबूत आधार दिया।

आईबीजेए के ताजा रेट्स ने भी बाजार की इस मजबूत चाल की पुष्टि की। शुक्रवार सुबह सोना 1,30,569 रुपये प्रति दस ग्राम पर कारोबार कर रहा था। पिछले एक महीने में सोने की कीमत में सात हजार रुपये से अधिक का इजाफा हुआ है। यह एक स्थिर और मजबूत ऊपरी ट्रेंड का संकेत देता है।

चांदी की कीमतों में अभूतपूर्व उछाल

चांदी ने आईबीजेए पर भी शानदार प्रदर्शन जारी रखा। शुक्रवार को यह पांच हजार रुपये से अधिक की उछाल के साथ 1,92,781 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। पिछले एक महीने में चांदी के भाव में छत्तीस हजार रुपये से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। यह उछाल नवंबर 2025 के स्तरों से काफी ऊपर है।

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विशेषज्ञों का मानना है कि यह तेजी कई कारकों का संयुक्त नतीजा है। अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती का वैश्विक बाजारों पर सीधा प्रभाव पड़ा है। इससे निवेशक सोने और चांदी जैसे सुरक्षित संपत्ति वर्ग की ओर बढ़े। डॉलर की कमजोरी ने भी कीमती धातुओं को समर्थन दिया।

घरेलू बाजार में मांग ने भी कीमतों को ऊपर रखने में मदद की। त्योहारी सीजन और शादियों के मौसम के दौरान सोने-चांदी की खरीदारी बढ़ जाती है। इसके अलावा मुद्रास्फीति से बचाव के लिए निवेशक धातुओं को पसंद करते हैं। यह रुझान भाव को नए स्तरों पर ले जाने में सहायक रहा।

वैश्विक बाजार से मिल रहा है समर्थन

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना और चांदी के दाम लगातार मजबूत बने हुए हैं। अमेरिका में ब्याज दरों में गिरावट के संकेत निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत हैं। कम ब्याज दरों के दौरान सोना एक आकर्षक निवेश विकल्प बन जाता है। इसका असर दुनिया भर के बाजारों पर दिखाई दे रहा है।

चांदी के मामले में औद्योगिक मांग भी एक प्रमुख कारक है। सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन जैसे उद्योगों में चांदी के उपयोग में तेजी आई है। इससे आपूर्ति पर दबाव बढ़ा है। वैश्विक स्तर पर चांदी की खपत और उत्पादन के बीच का अंतर बढ़ता जा रहा है।

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भारतीय रुपये और डॉलर के बीच विनिमय दर का भी सोने की कीमतों पर असर पड़ता है। रुपये के मुकाबले डॉलर की मजबूती आयातित सोने को महंगा बना देती है। हाल के दिनों में हुई यह स्थिति घरेलू बाजार में भाव को ऊंचा रखने का कारण बनी। निवेशक इन सभी पहलुओं पर नजर बनाए हुए हैं।

बाजार के तकनीकी विश्लेषण से भी सोने-चांदी के लिए तेजी का संकेत मिल रहा है। दोनों धातुएं अपने महत्वपूर्ण प्रतिरोध स्तरों को पार कर चुकी हैं। यह खरीदारी के लिए और अधिक रुचि पैदा करता है। अल्पकालिक सुधार के बावजूद मध्यम अवधि का रुख सकारात्मक ही नजर आ रहा है।

आगे की राह क्या है?

आने वाले समय में बाजार कई घरेलू और वैश्विक कारकों पर नजर रखेगा। अमेरिकी फेड रिजर्व की आगामी नीतिगत घोषणाएं महत्वपूर्ण होंगी। भारत सरकार की आर्थिक नीतियां और आयात शुल्क भी कीमतों को प्रभावित करेंगे। विश्व स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव भी सोने की मांग को बढ़ा सकते हैं।

चांदी की कीमतों के लिए औद्योगिक मांग का रुख निर्णायक साबित होगा। हरित ऊर्जा क्षेत्र में निवेश बढ़ने से चांदी का उपयोग बढ़ेगा। इसके अलावा घरेलू बाजार में ज्वैलरी और सिक्कों की मांग भी भाव को सहारा देगी। आपूर्ति पक्ष की चुनौतियां बनी रहने की संभावना है।

निवेशकों को बाजार में उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहना चाहिए। लंबी अवधि के नजरिए से सोना और चांदी अच्छे निवेश विकल्प माने जाते हैं। हालांकि अल्पकालिक अस्थिरता से बचने के लिए सतर्क रहना जरूरी है। विशेषज्ञ सलाह के आधार पर निवेश निर्णय लेना उचित रहेगा।

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