Karnataka News: कर्नाटक के गोकर्ण में गोकर्ण गुफा में एक रूसी महिला और उसकी दो छोटी बेटियों को पुलिस ने बचाया। 40 वर्षीय नीना कुटीना अपनी 6 साल की बेटी प्रेमा और 4 साल की बेटी एमा के साथ रामतीर्थ पहाड़ी की खतरनाक गुफा में रह रही थी। 9 जुलाई को पुलिस गश्त के दौरान यह खुलासा हुआ। महिला का वीजा 2017 में समाप्त हो चुका था। परिवार को सुरक्षित कारवार के महिला स्वागत केंद्र में रखा गया है।
आध्यात्मिक खोज में गुफा को बनाया आश्रय
नीना कुटीना ने बताया कि वह आध्यात्मिक एकांत के लिए गोवा से गोकर्ण आई थी। उसने गुफा में रुद्र मूर्ति स्थापित कर पूजा और ध्यान शुरू किया। पुलिस को बच्चों की सुरक्षा की चिंता हुई, क्योंकि गुफा भूस्खलन और जंगली जानवरों से भरे क्षेत्र में थी। नीना ने पहले दस्तावेज देने से इनकार किया, लेकिन बाद में पासपोर्ट और वीजा गुफा से मिले। यह खोज पुलिस और स्थानीय लोगों के लिए चौंकाने वाली थी।
वीजा उल्लंघन का खुलासा
जांच में पता चला कि नीना का बिजनेस वीजा 17 अप्रैल 2017 को खत्म हो गया था। 2018 में नेपाल जाने के बाद वह दोबारा भारत लौटी और अवैध रूप से रही। पुलिस ने गोकर्ण गुफा से उनके दस्तावेज बरामद किए। उत्तर कन्नड़ के पुलिस अधीक्षक एम. नारायण ने बताया कि परिवार को बेंगलुरु के FRRO को सौंपा जाएगा। बच्चों की सुरक्षा और वीजा उल्लंघन के चलते यह मामला गंभीर हो गया है।
पुलिस की गश्त ने बचाई जान
9 जुलाई की शाम इंस्पेक्टर श्रीधर एस.आर. की अगुआई में पुलिस गश्त कर रही थी। रामतीर्थ पहाड़ी पर कपड़े सूखते देख पुलिस ने जांच की। गुफा में नीना और उनकी बेटियों को देखकर पुलिस हैरान रह गई। क्षेत्र में हाल के भूस्खलन और सांपों के खतरे को देखते हुए तुरंत रेस्क्यू शुरू किया गया। पुलिस ने परिवार को सुरक्षित निकाला और अस्थायी रूप से एक आश्रम में ठहराया।
डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू
नीना और उनकी बेटियों को कारवार के महिला स्वागत केंद्र में रखा गया है। पुलिस ने रूसी दूतावास और बेंगलुरु के FRRO से संपर्क किया है। 14 जुलाई को परिवार को बेंगलुरु ले जाया जाएगा, जहां डिपोर्टेशन की प्रक्रिया पूरी होगी। पुलिस ने बताया कि नीना मानसिक रूप से स्थिर लगती है, लेकिन बच्चों के साथ खतरनाक गुफा में रहना गंभीर चिंता का विषय है। यह मामला वीजा नियमों की सख्ती को दर्शाता है।
