Greater Noida News: उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय (GBU) में इन दिनों भारी उथल-पुथल मची है। यह मामला अब UP News की सबसे बड़ी सुर्खियों में से एक बन गया है। विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव पर भर्ती में धांधली के बेहद गंभीर आरोप लगे हैं। लोकायुक्त ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
लोकायुक्त ने 20 जनवरी तक मांगा हिसाब
लोकायुक्त की कार्रवाई से प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया है। UP News पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों के अनुसार, यह जांच कई बड़े नामों को मुश्किल में डाल सकती है। लोकायुक्त ने प्रशासन को 20 जनवरी तक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। शिकायत में कहा गया है कि भर्ती प्रक्रिया में नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं। आरोप है कि योग्य उम्मीदवारों को दरकिनार कर चहेतों को नौकरी दी गई।
बिना योग्यता के प्रोफेसर बनाने का आरोप
शिकायतकर्ताओं ने नियुक्ति प्रक्रिया में बड़ी खामियां उजागर की हैं। आरोपों के मुताबिक, कुछ शिक्षकों की भर्ती बिना जरूरी शैक्षणिक योग्यता के कर दी गई। वहीं, विश्वविद्यालय में 15 सालों से सेवा दे रहे शिक्षक प्रमोशन के लिए तरस रहे हैं। पुराने स्टाफ को छोड़कर नए लोगों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया गया। इससे कर्मचारियों में भारी गुस्सा है, जो अब UP News का बड़ा मुद्दा बन चुका है।
भूगोल के टीचर को समाजशास्त्र में नौकरी?
समाजवादी छात्र सभा ने भी प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। छात्र नेता मोहित नागर ने एक वीडियो जारी कर सनसनीखेज दावे किए हैं। उन्होंने कहा कि भूगोल विषय के एक शिक्षक को समाजशास्त्र विभाग में नियुक्त कर दिया गया। हैरानी की बात यह है कि विश्वविद्यालय में भूगोल का अलग विभाग ही नहीं है। आरोप है कि फरवरी में नए कुलपति के आने के बाद से नियमों की अनदेखी बढ़ गई है।
प्रशासन बोला- पत्र मिलते ही देंगे जवाब
इस पूरे विवाद पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी सफाई दी है। जनसंपर्क अधिकारी विनीत ने बताया कि उन्हें अभी लोकायुक्त का आधिकारिक पत्र नहीं मिला है। पत्र मिलते ही वे अपना पक्ष रखेंगे और दस्तावेज दिखाएंगे। फिलहाल सबकी निगाहें 20 जनवरी पर टिकी हैं। अगर जांच में गड़बड़ी मिली, तो यह UP News और शिक्षा जगत के लिए एक बड़ा झटका होगा।
