Yemen News: गाजा पट्टी में चल रहे इजराइल-हमास युद्ध के बीच एक बड़ी घटना सामने आई है। यमन के रास अल-ईसा बंदरगाह पर एक पाकिस्तानी एलपीजी टैंकर को इजराइली ड्रोन हमले का निशाना बनाया गया। इस हमले के बाद हूती विद्रोहियों ने टैंकर पर सवार सभी 27 चालक दल के सदस्यों को बंधक बना लिया था। दस दिनों के बाद सभी कर्मी सुरक्षित रिहा कर दिए गए हैं।
इस टैंकर पर कुल 27 लोग सवार थे। इनमें 24 पाकिस्तानी, 2 श्रीलंकाई और 1 नेपाली नागरिक शामिल थे। हमले के बाद टैंकर के एक गैस टैंक में विस्फोट हुआ और आग लग गई। चालक दल ने तुरंत आग पर काबू पा लिया। इसके बाद हूती नौकाओं ने टैंकर को घेर लिया और सभी लोगों को जहाज पर ही बंधक बना लिया।
पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने इस महत्वपूर्ण सफलता की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय और सुरक्षा एजेंसियों की लगातार कोशिशों का नतीजा है। ओमान और सऊदी अरब में तैनात पाकिस्तानी अधिकारियों ने भी इसमें अहम भूमिका निभाई। सभी 24 पाकिस्तानी चालक दल के सदस्य अब सुरक्षित हैं।
हमले के बाद की स्थिति
सत्रह सितंबर को हुए इस ड्रोन हमले ने पूरे क्षेत्र में तनाव बढ़ा दिया। टैंकर हूती विद्रोहियों के नियंत्रण वाले इलाके में था। हमले के बाद चालक दल ने आग बुझाने का काम किया। इस दौरान हूती समूह ने टैंकर पर कब्जा कर लिया। उन्होंने सभी कर्मियों को जहाज पर ही रोक लिया। इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय जलमार्गों पर सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं।
पाकिस्तानी दूतावासों ने चालक दल के परिवारों के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा। उन्हें हर नई जानकारी से अवगत कराया गया। विदेश मंत्रालय ने भी इस मामले की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि यमन के अधिकारियों के साथ निरंतर बातचीत चल रही थी। इसका उद्देश्य चालक दल की सुरक्षा और जल्द रिहाई सुनिश्चित करना था।
रिहाई का संचालन
गृह मंत्री नकवी ने कहा कि ऐसी स्थिति में जब उम्मीदें कमजोर हो रही थीं, सभी नागरिक सुरक्षित बाहर आए। हूती समूह ने अब टैंकर और चालक दल को छोड़ दिया है। वे यमनी जलक्षेत्र से सुरक्षित बाहर निकल चुके हैं। इस पूरी प्रक्रिया में दस दिन का समय लगा। इस दौरान कूटनीतिक स्तर पर लगातार प्रयास जारी रहे।
इजराइल ने अभी तक इस टैंकर पर हमले की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि यह हमला क्षेत्र में तनाव बढ़ाने की कोशिश हो सकती है। खासकर सऊदी अरब के साथ हालिया रक्षा समझौते के बाद यह कदम उठाया गया। इस घटना ने इजराइल-हमास युद्ध के दायरे को और बढ़ा दिया है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचा है। यमन के तटीय इलाकों में ऐसे हमले व्यापारिक जहाजों के लिए खतरा बन गए हैं। पाकिस्तान सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी को प्राथमिकता दी। सऊदी अरब और ओमान ने भी इस मामले में सहयोग किया। कूटनीतिक प्रयासों के चलते ही यह रिहाई संभव हो सकी।
चालक दल की रिहाई के बाद अब उनके स्वदेश वापस लौटने की प्रक्रिया शुरू होगी। पाकिस्तानी अधिकारी इस दिशा में काम कर रहे हैं। इस घटना ने दिखाया कि क्षेत्र में स्थिति कितनी नाजुक बनी हुई है। किसी भी घटना का असर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखने को मिल सकता है। यह मामला भी उसी श्रृंखला की एक कड़ी साबित हुआ।
