Gaza News: गाजा में युद्धग्रस्त परिस्थितियों का फायदा उठाकर महिलाओं का यौन शोषण किया जा रहा है। स्थानीय पुरुष और कुछ राहत कार्यकर्ता महिलाओं को भोजन और पानी का लालच देकर उन पर दबाव बना रहे हैं। एसोसिएटेड प्रेस ने छह महिलाओं से बात कर यह जानकारी एकत्रित की है। सभी महिलाओं ने पहचान उजागर न होने की शर्त पर अपनी कहानी साझा की।
महिलाओं ने बताया कि उन्हें अश्लील संदेश और देर रात की कॉल्स के जरिए परेशान किया जा रहा है। कुछ पुरुष तो सीधे तौर पर उन्हें छूने की इच्छा जाहिर करते हैं। कुछ मामलों में शादी का झांसा देकर महिलाओं को बरगलाने की कोशिश की जा रही है। यह स्थिति गाजा में मानवाधिकार संकट की गंभीरता को दर्शाती है।
मनोवैज्ञानिकों ने की पुष्टि
गाजा में काम कर रही मनोवैज्ञानिकों ने इस समस्या की पुष्टि की है। चार मनोवैज्ञानिकों ने बताया कि उनके संगठन ने ऐसे दर्जनों मामलों को संभाला है। कुछ मामलों में तो महिलाएं गर्भवती भी हो गई हैं। सभी मनोवैज्ञानिकों ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बातचीत की।
गाजा की रूढ़िवादी संस्कृति में विवाहेतर संबंधों को गंभीर अपराध माना जाता है। इसीलिए पीड़ित महिलाएं सीधे तौर पर बात करने से कतराती हैं। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार कुछ महिलाओं ने पुरुषों की मांगों के आगे झुक भी दिया। जबकि अन्य ने इनकार कर दिया।
अंतरराष्ट्रीय संदर्भ
विशेषज्ञों के मुताबिक संघर्ष क्षेत्रों में ऐसी घटनाएं नई नहीं हैं। गाजा से पहले दक्षिण सूडान और कांगो जैसे देशों में भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। ह्यूमन राइट्स वॉच की हीथर बर्र ने इस स्थिति पर गहरी चिंता जताई है।
उन्होंने कहा कि मानवीय संकट लोगों को कमजोर बना देते हैं। इसका नतीजा यौन हिंसा में बढ़ोतरी के रूप में सामने आता है। गाजा में महिलाओं और लड़कियों की स्थिति अकल्पनीय है। दो साल के युद्ध ने पूरे क्षेत्र को तबाह कर दिया है।
मदद संगठनों की भूमिका
कुछ मामले राहत संगठनों से जुड़े कर्मचारियों और स्वयंसेवकों के खिलाफ सामने आए हैं। एक महिला ने बताया कि उन्हें यूनआरडब्ल्यूए की वर्दी पहने एक व्यक्ति ने परेशान किया। उसने मदद के लिए लाइन में खड़ी महिला का नंबर लिया और फिर देर रात कॉल करना शुरू कर दिया।
महिला ने शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की। लेकिन उन्हें बताया गया कि सबूत के तौर पर रिकॉर्डिंग जरूरी है। यूनआरडब्ल्यूए की जूलियट तौमा ने बताया कि संगठन यौन शोषण के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाता है। उन्होंने कहा कि सबूत की कोई जरूरत नहीं है।
महिलाओं की मजबूरी
चार महिलाओं ने बताया कि उन्हें रजिस्ट्रेशन के दौरान ही निशाना बनाया गया। पुरुषों ने उनके फोन नंबर लिए और बाद में संपर्क किया। सभी पुरुष फिलिस्तीनी थे। महिलाएं यह पहचान नहीं कर पाईं कि वे किस संगठन से जुड़े थे।
एक छह बच्चों की मां ने बताया कि उन्हें नौकरी का झांसा देकर परेशान किया गया। संयुक्त राष्ट्र की कार चलाने वाले व्यक्ति ने उन्हें देर रात सेक्सुअल फेवर के लिए कॉल किया। महिला ने बहाने बनाकर उन्हें टालने की कोशिश की। वह अक्सर बताती कि वह व्यस्त हैं या फोन खराब है।
ऐतिहासिक पैटर्न
विशेषज्ञ बताते हैं कि विस्थापन और मदद पर निर्भरता महिलाओं को विशेष रूप से कमजोर बना देती है। गाजा में नब्बे प्रतिशत आबादी विस्थापित हो चुकी है। भूख और हताशा के इस माहौल में महिलाओं को असंभव निर्णय लेने को मजबूर किया जा रहा है।
छह मानवाधिकार और राहत संगठनों ने इस तरह की घटनाओं की जानकारी होने की पुष्टि की है। गाजा में मानवीय कार्य विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण हो गया है। सहायता तक पहुंच को लेकर उथलपुथल का माहौल है। इसका फायदा कुछ लोग शोषण के लिए उठा रहे हैं।
