Sports News: भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर और 1983 विश्व कप विजेता क्रिश्नमाचारी श्रीकांत के बीच तीखी बहस छिड़ गई है। श्रीकांत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे मैच के लिए अपनी टीम में गेंदबाज हर्षित राणा को शामिल नहीं किया। इस पर गंभीर ने श्रीकांत की खुलकर आलोचना की और उनके रवैये को शर्मनाक बताया।
श्रीकांत ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे के लिए अपनी भारतीय टीम का खाका पेश किया। उन्होंने हर्षित राणा को टीम में जगह नहीं दी और आठ बल्लेबाजों वाली रणनीति पर जोर दिया। श्रीकांत ने वाशिंगटन सुंदर को आठवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए चुना।
श्रीकांत ने कहा कि वह नीतीश कुमार रेड्डी को तीसरे गेंदबाज के रूप में खिलाना पसंद करेंगे। उन्होंने कुलदीप यादव को नौवें नंबर पर रखा। मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा को गेंदबाजी की जिम्मेदारी सौंपी। श्रीकांत ने जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति को भारत के लिए बड़ा झटका बताया।
गौतम गंभीर का जोरदार जवाब
गौतम गंभीर ने मीडिया से बातचीत में श्रीकांत की आलोचना का जमकर जवाब दिया। उन्होंने श्रीकांत के बयान को शर्मनाक करार दिया। गंभीर ने कहा कि युवा खिलाड़ियों की आलोचना करके यूट्यूब चैनल चलाना उचित नहीं है। भारतीय कोच ने स्पष्ट किया कि हर्षित राणा अपनी योग्यता के आधार पर टीम में चुने गए हैं।
गंभीर ने जोर देकर कहा कि हर्षित राणा के पिता न कोई पूर्व चयनकर्ता हैं और न ही कोई पूर्व क्रिकेटर। वह अपने दम पर क्रिकेट खेलकर टीम में पहुंचे हैं। गंभीर ने कहा कि व्यक्तिगत आलोचना करना उचित नहीं है। उन्होंने युवा खिलाड़ियों को निशाना बनाने की प्रवृत्ति पर चिंता जताई।
श्रीकांत ने दी थी यह दलील
श्रीकांत ने अपने बयान में कहा था कि गंभीर के तहत टीम आठ बल्लेबाजों के साथ खेल रही है। उन्होंने वाशिंगटन सुंदर को स्वचालित पसंद बताया। श्रीकांत ने तीन स्पिनरों के साथ खेलने की वकालत की। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी की तारीफ करते हुए जोश हेजलवुड और मिचेल स्टार्क को अनुभवी बताया।
श्रीकांत ने कहा कि अगर पिच गेंदबाजों के अनुकूल होती है तो भारत को सिराज और प्रसिद्ध पर निर्भर रहना होगा। उन्होंने बुमराह की अनुपस्थिति को टीम के लिए चुनौतीपूर्ण बताया। श्रीकांत की टीम में नीतीश रेड्डी को तीसरे गेंदबाज का स्थान मिला।
विवाद की पृष्ठभूमि
यह विवाद तब शुरू हुआ जब श्रीकांत ने हर्षित राणा के चयन पर सवाल उठाए थे। श्रीकांत ने आरोप लगाया था कि राणा का चयन कोच की हां में हां मिलाने के कारण हुआ है। इस पर गौतम गंभीर ने सख्त प्रतिक्रिया दी। गंभीर ने राणा की योग्यता का बचाव किया।
भारतीय कोच ने कहा कि युवा खिलाड़ी अपने प्रदर्शन के आधार पर टीम में पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत संबंधों के आधार पर चयन के आरोप गलत हैं। गंभीर ने मीडिया से युवा खिलाड़ियों का समर्थन करने की अपील की।
टीम चयन पर अलग-अलग राय
श्रीकांत और गंभीर के बीच यह विवाद टीम चयन को लेकर अलग-अलग दृष्टिकोण को दर्शाता है। श्रीकांत ने अनुभवी खिलाड़ियों को प्राथमिकता देने पर जोर दिया। वहीं गंभीर युवा प्रतिभाओं को अवसर देने के पक्षधर हैं। यह टकराव क्रिकेट में चयन नीतियों पर चल रही बहस को दर्शाता है।
दोनों पूर्व खिलाड़ियों के बीच यह विवाद सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। क्रिकेट प्रेमी इस मामले पर अलग-अलग राय रखते हैं। कुछ लोग श्रीकांत के दृष्टिकोण का समर्थन करते हैं तो कुछ गंभीर के रुख को सही मानते हैं।
भविष्य पर प्रभाव
यह विवाद भारतीय क्रिकेट टीम के भविष्य के चयनों को प्रभावित कर सकता है। कोच और पूर्व खिलाड़ियों के बीच इस तरह की बहस सार्वजनिक मंचों पर जारी रह सकती है। टीम प्रबंधन को युवा और अनुभवी खिलाड़ियों के बीच सही संतुलन बनाना होगा।
ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए टीम के चयन को लेकर यह बहस जारी रहने की उम्मीद है। दोनों पक्षों के अपने-अपने तर्क हैं। क्रिकेट प्रेमी यह देखने को उत्सुक हैं कि आखिरकार टीम में किसे चुना जाता है।
