India News: देशभर में आज गणेश चतुर्थी का महापर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाए जाने वाले इस पर्व में आज रात चंद्रमा के दर्शन वर्जित माने गए हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन चंद्रमा देखने से मिथ्या दोष लगने की आशंका रहती है।
कलंक चतुर्थी की पौराणिक कथा
पुराणों में वर्णित कथा के अनुसार भगवान गणेश ने चंद्र देव को श्राप दिया था। गणेश जी के भोजन के बाद गिरने पर चंद्र देव ने उनका उपहास उड़ाया था। इस पर गणेश जी ने क्रोधित होकर चंद्रमा को क्षय हो जाने का श्राप दे दिया। साथ ही यह श्राप दिया कि इस दिन चंद्रमा देखने वालों पर झूठा कलंक लगेगा।
चंद्र दर्शन का वर्जित समय
पंचांग के अनुसार आज सुबह 09:15 बजे से रात 09:28 बजे तक चंद्रमा के दर्शन वर्जित हैं। अलग-अलग शहरों में यह समय थोड़ा भिन्न हो सकता है। सूर्यास्त के बाद विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। इस अवधि में चंद्रमा के दर्शन से बचना चाहिए।
अनजाने में दर्शन हो जाने पर उपाय
यदि गलती से चंद्रमा के दर्शन हो जाएं तो घबराने की आवश्यकता नहीं है। स्यमंतक मणि की कथा सुनने या पढ़ने से दोष समाप्त होता है। भगवान कृष्ण से जुड़ी इस कथा के श्रवण मात्र से चंद्र दर्शन का दोष दूर हो जाता है। विशेष मंत्र का जाप भी लाभकारी माना जाता है।
मंत्र जाप और दान की महत्ता
स्यमंतक मणि कथा के मंत्र का 108 बार जाप करने की सलाह दी जाती है। मीठे फल या दही-शहद का दान करना भी शुभ माना जाता है। यह उपाय दोष के प्रभाव को कम करने में सहायक होते हैं। भक्ति और सावधानी से पर्व का पूर्ण लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
पर्व समारोह और सावधानियां
देशभर में घरों और पंडालों में गणेश जी की स्थापना की गई है। भक्त ‘गणपति बप्पा मोरया’ के जयकारे लगा रहे हैं। पूजा-अर्चना और भोग का विशेष महत्व है। सभी भक्तों को चंद्र दर्शन से बचने की सलाह दी जाती है। परंपरा का पालन करते हुए पर्व मनाना शुभ माना जाता है।
