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Thursday, March 23, 2023

G-20: ‘दुनिया कर रही कई चुनौतियों का सामना, कुछ मामलों पर गंभीर मतभेद होना स्भाविक’: बोले एस जयशंकर

Delhi News: दिल्ली में आज G-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक हो रही है. इस बैठक को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि इस ग्रुप के पास एक बड़ी जिम्मेदारी है. वैश्विक आर्थिक संकट के बीच हम पहली बार एक मंच पर आए हैं.

इस वक्त दुनिया कई चुनौतियों का सामना कर रही है. हालांकि, इन मुद्दों पर विचार करते हुए हम हमेशा एक मत नहीं हो सकते, कुछ मामलों पर गंभीर मतभेद हो सकते हैं. लेकिन फिर भी हमें भी एक आम सहमति बनाने की कोशिश करनी चाहिए.

विदेश मंत्री एस जयशंकर से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन सत्र को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि ग्लोबल गवर्नेंस गिर गया है और इसके परिणाम विकासशील देशों को भुगतने पड़ रहे हैं. कई विकासशील देश अपने लोगों के लिए खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने की कोशिश करते हुए लोन के बोझ से जूझ रहे हैं. वे अमीर देशों के कारण होने वाली ग्लोबल वार्मिंग से भी सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.

भारत की G20 अध्यक्षता ने ग्लोबल साउथ को आवाज देने की कोशिश की है. कोई भी समूह अपने फैसलों से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए लोगों की बात सुने बिना वैश्विक नेतृत्व का दावा नहीं कर सकता. उन्होंने आगे कहा कि दुनिया विकास, विकास, आर्थिक लचीलापन, आपदा लचीलापन, वित्तीय स्थिरता, अंतरराष्ट्रीय अपराध, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, और खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा की चुनौतियों को कम करने के लिए जी20 की ओर देख रही है.

बैठक के अध्यक्ष के रूप में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तुर्की और सीरिया को हिला देने वाले भूकंप के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देकर सत्र की शुरुआत की. सभा ने एक मिनट का मौन रखा गया. इस बैठक के लिए ब्रिटेन, चीन समेत कई देशों के विदेश मंत्री दिल्ली आए हैं. हालांकि, चीन और दक्षिण कोरिया ने पहले ही इस बैठक से दूरी बनाने का फैसला ले लिया था.

ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने दिल्ली पहुंचकर कहा था कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उन शब्दों को याद करना चाहिए, जब उन्होंने कहा था कि आज का समय युद्ध का समय नहीं है, लेकिन दुखद है कि वे अबतक ऐसा नहीं कर रहे हैं. दिल्ली में जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में आए ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने कहा था कि आज हम भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के दौर से गुजर रहे हैं. रूस के यूक्रेन पर आक्रमण की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था झटके से गुजर रही है. हम इसका प्रभाव खाद्य कीमतों, ऊर्जा कीमतों, वैश्विक असुरक्षा के रूप में देख रहे हैं.

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