Delhi News: स्वघोषित ‘गॉडमैन’ और भगोड़े गुरू नित्यानंद (Nithyanand) ने ट्वीट किया कि ‘यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ कैलासा’ (Kailasa) संयुक्त राष्ट्र (UN) तक पहुंच गया है. साथ में फोटो भी डाली.
बताया कि कैलासा की प्रतिनिधि विजयप्रिया UN की मीटिंग में हिस्सा ले रही है. ट्वीट सामने आते ही विवाद शुरू हो गया. जनता पूछने लगी कि एक काल्पनिक देश का मेंबर आख़िर UN तक कैसे पहुंच गया?
नित्यानंद के समर्थकों ने इस पूरे मामले को वायरल करने की कोशिश की. हालांकि, इस बात का कोई सफ़ाई नहीं है कि विवादास्पद इतिहास और स्वघोषित राष्ट्र वाला कोई व्यक्ति ऐसे प्रभावशाली वैश्विक मंचों तक कैसे पहुंचा? इंडिया टुडे के अंकित कुमार ने इसकी तफ़्सील से पड़ताल की है.
देश नहीं, NGO बनाकर ली एंट्री
रिपोर्ट में कहा गया है कि संभवतः कैलासा ने NGO के तौर पर रजिस्ट्रेशन करवाया था. दरअसल, संयुक्त राष्ट्र की इस मीटिंग में मानवाधिकार उल्लंघन पर चर्चा होती है. UN की वेबसाइट के मुताबिक़, अगर किसी व्यक्ति या संस्था को लगता है कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संधि के तहत मिले अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है या उत्पीड़न हो रहा है। तो वो यहां जाकर अपनी बात रख सकता है.
UN अलग-अलग मुद्दों पर बात रखने के लिए आमंत्रण देता है. जैसे इस बार UN ने कहा था कि दुनियाभार में जिस तरह से बच्चों को खरीदा बेचा जा रहा है और उनका यौन शोषण हो रहा है, उसके ऊपर बात रखी जा सकती है. नित्यानंद के सहयोगियों को मौक़ा मिल गया. उन्होंने सिविल सोसाइटी के संगठनों की कैटेगरी में कैलासा संघ के नाम से आवेदन कर दिया. ये कैटेगरी सबके लिए ओपन थी. इस संघ का एड्रेस मॉन्टक्लेयर, कैलिफोर्निया दिखाया गया. गूगल पर सर्च किया तो पता ‘नित्यानंद वैदिक मंदिर’ का निकला.
दरअसल, नित्यानंद अपने कार्यक्रम चलाने के लिए दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में संस्थाएं खोल रहा है. अमेरिका में कम से कम दस रजिस्टर्ड संगठनों का कैलासा से ताल्लुक़ होने की आशंका है.UN दफ़्तर से आई 50 घंटे से ज़्यादा की वीडियो फुटेज का विश्लेषण किया है. पुष्टि की गई है कि कैलासा प्रतिनिधिमंडल हाल ही में कम से कम तीन बार वहां दिखा. कैलासा के सदस्यों ने इस मौक़े को क़ायदे से भुनाया. राजनयिकों और विदेशी प्रतिनिधियों से मिले, उनके साथ तस्वीरें लीं, उन्हें किताबें भेंट कीं. एक तस्वीर में दिख रहा है कि कैलासा वाले जो ‘भगवद् गीता’ दे रहे हैं, उसके कवर पर श्री कृष्ण के बजाय नित्यानंद की फोटो है.
UN दफ़्तर से आई 50 घंटे से ज़्यादा की वीडियो फुटेज का विश्लेषण करने से पुष्टि हो गई है कि कैलासा प्रतिनिधिमंडल हाल ही में कम से कम तीन बार वहां दिखा. कैलासा के सदस्यों ने इस मौक़े को क़ायदे से भुनाया. राजनयिकों और विदेशी प्रतिनिधियों से मिले, उनके साथ तस्वीरें लीं, उन्हें किताबें भेंट कीं. एक तस्वीर में दिख रहा है कि कैलासा वाले जो ‘भगवद् गीता’ दे रहे हैं, उसके कवर पर श्री कृष्ण के बजाय नित्यानंद की फोटो है.