Shimla News: पूर्व मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह का चौपाल विधान सभा क्षेत्र से आत्मिक और भावनात्मक बहुत ही गहरा नाता था। यही वजह है कि उन्होंने वर्ष 2006 में चौपाल में एक ही दिन में दो-चार नहीं बल्कि 73 स्कूल खोले थे, जोकि आज तक के इतिहास का पूरे प्रदेश में एक रिकॉर्ड है।
यह बात लोक निर्माण, खेल युवा सेवायें मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंगलवार को अपने नेरवा दौरे के दौरान कही। इस दौरान उन्होंने नेरवा की कई महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं को शुरू करने और अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने का आश्वासन भी दिया।
नेरवा के लोगों की दो दशक पुरानी बाईपास की मांग पर कहा कि उन्होंने विभाग को बाई पास के लिए शालवी नदी पर बनने वाले पुल के निर्माण के निर्देश दे दिए है। पुल का निर्माण होने के बाद शीघ्र ही बाईपास का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
चौपाल से कांग्रेस प्रत्याशी रहे प्रदेश कांग्रेस संगठन मंत्री रजनीश किमटा की नेरवा में इनडोर स्टेडियम खोलने की मांग पर उन्होंने कहा कि आपदा से क्षतिग्रस्त सडक़ों को खोलना सरकार की प्राथमिकता है। चौपाल की सभी सडक़ों को खोलने के बाद इस मांग पर सुहानुभूति पूर्वक विचार किया जाएगा। इस मांग के पूरा होने के लिए लोगों को ज्यादा लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। एक-दो माह बाद वह फिर से नेरवा दौरे पर आयेंगे तथा इस मांग को पूरा करेंगे।
इस दौरान रजनीश किमटा ने विक्रमादित्य सिंह के समक्ष सैंज से फेडिजपुल तक सडक़ को चौड़ा करने की मांग भी रखी। किमटा ने कहा कि यह सडक़ बहुत ही संकरी है, जिस वजह से इस पर आये दिन हादसे होते रहते है।
पिछले एक दशक के दौरान हुए हादसों में पांच सौ से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके है। इस मांग पर उन्होंने कहा कि वह इस सडक़ को एनएच बनाने का पूरा प्रयास करेंगे, अन्यथा इसे चौड़ा किया जाएगा। नेरवा अस्पताल पर चुटकी लेते हुए लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि विधायक ने उस समय मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को अंधेरे में रख कर अस्पताल का कार्य पूरा हुए बिना ही बंद दरवाजे वाले भवन का लोकार्पण करवा डाला, जबकि इसका कार्य अभी भी पूरा नहीं हुआ है।
उन्होंने नेरवा के लोगों को आश्वासन दिया कि अस्पताल भवन का कार्य शीघ्र पूरा कर इसे लोगों को समर्पित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीते दिनों भारी बरसात से आई आपदा केवल कुदरत का कहर नहीं है, इसमें हमारी भी कुछ कमिया सामने आई है। इसे एक देवीय संकेत भी कहा जा सकता है तथा इस आपदा से हमें सीख लेने की जरुरत है। उन्होंने माना कि आपदा से हुए नुक्सान की तुलना में पीडि़तों को सरकारी सहायता नहीं मिल पा रही है, परंतु फिर भी सरकार दस या बीस हजार की जगह नब्बे से एक लाख दस हजार रुपये तक की सहायता राशि उपलब्ध करवा कर पीडि़तों का दु:ख कुछ कम करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि आज कई तरह का माफिया प्रदेश में सक्रिय है। इसमें वन, भू, शराब और खनन सब शामिल है। आज मैं लोगों का दु:ख दर्द बांटने आया हूं।