Himachal News: मंडी जिले के करसोग उपमंडल में वन तस्करों ने बेखौफ होकर अवैध कटान किया है। पत्थरेवी जंगल में देवदार के छह हरे-भरे पेड़ काटे गए हैं। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसके बाद वन विभाग हरकत में आया। विभाग ने मौके पर टीम भेजकर अवैध कटान की पुष्टि की है।
वन मंडल अधिकारी कृष्ण भाग नेगी ने बताया कि वायरल वीडियो मिलने के बाद तुरंत कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि तस्करों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने इस मामले में करसोग पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है। वन संपदा को नुकसान पहुंचाने वालों को किसी भी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा।
वायरल वीडियो से खुला राज
यह मामला तब सामने आया जब एक स्थानीय युवक ने पत्थरेवी जंगल में अवैध कटान का वीडियो बनाया। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा किया गया जहां से यह वन अधिकारियों तक पहुंचा। वन मंडल अधिकारी नेगी ने तत्काल इसकी सत्यता की जांच के लिए एक टीम गठित की। टीम को मौके पर भेजा गया।
वन परिक्षेत्र अधिकारी अमिताभ भारद्वाज के नेतृत्व में यह टीम सड़क से लगभग 500 मीटर ऊपर जंगल में पहुंची। टीम ने वहां देवदार के कटे हुए पेड़ों के ठूंठ देखे। कुछ लकड़ी मौके से बरामद की गई। जांच में पाया गया कि तस्करों ने देवदार के छह हरे-भरे पेड़ काट डाले हैं।
तस्करों ने ली भागने में कामयाबी
अधिकारियों ने बताया कि काटे गए पेड़ों से निकली अधिकांश कीमती लकड़ी तस्कर अपने साथ ले गए हैं। कुछ लकड़ी मौके पर ही पड़ी मिली है। वन विभाग की टीम ने जंगल में पड़ी हुई लकड़ी को कब्जे में ले लिया है। अभी तक वन तस्करों का सुराग नहीं लग पाया है।
वन विभाग की टीम स्थानीय लोगों से पूछताछ कर रही है। तस्करों के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है। विभाग ने लकड़ी की कीमत का विवरण तैयार करना शुरू कर दिया है। यह जानकारी एफआईआर में शामिल की जाएगी जो आगे की कानूनी कार्रवाई में मददगार होगी।
वन विभाग की कार्रवाई जारी
वन मंडल अधिकारी नेगी ने स्पष्ट किया कि तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वन संपदा की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है। विभाग लगातार जंगलों में गश्त कर रहा है। स्थानीय लोगों से सहयोग की अपील की गई है ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
यह घटना हिमाचल प्रदेश के जंगलों में बढ़ रही अवैध कटान की समस्या को उजागर करती है। पिछले कुछ वर्षों में देवदार जैसी कीमती लकड़ी की तस्करी के several मामले सामने आए हैं। वन विभाग ने इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए अपनी निगरानी बढ़ा दी है।
स्थानीय लोगों की भूमिका
इस मामले में स्थानीय युवक द्वारा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा करना एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। इससे पता चलता है कि स्थानीय समुदाय की सजगता वन संरक्षण में कितनी महत्वपूर्ण है। वन विभाग ने लोगों से ऐसी किसी भी गतिविधि की सूचना तुरंत देने का आग्रह किया है।
वन अधिकारियों का मानना है कि स्थानीय लोगों के सहयोग के बिना जंगलों की सुरक्षा संभव नहीं है। उन्होंने वादा किया कि ऐसी सूचनाओं को गोपनीय रखा जाएगा और त्वरित कार्रवाई की जाएगी। यह घटना वन अपराधों से निपटने में सामुदायिक भागीदारी के महत्व को रेखांकित करती है।
