शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

वन अधिकार अधिनियम: हिमाचल सरकार ने अधिकारियों को दिया प्रशिक्षण का निर्देश, जानें क्या हैं नए प्रावधान

Share

Recong Peo News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने वन अधिकार अधिनियम-2006 के क्रियान्वयन को गति देने का फैसला किया है। कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने रिकांगपिओ में आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि पटवारी, वन रक्षक और पंचायत सचिवों को इस अधिनियम का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना है। इसके साथ ही, लोगों के दावों को तेजी से निपटाने में भी मदद मिलेगी।

मंत्री नेगी ने स्पष्ट किया कि इस अधिनियम के तहत लाभ पाने की मुख्य शर्त है। आवेदक का वन भूमि पर कब्जा 13 दिसंबर, 2005 से पहले का होना चाहिए। केवल वही व्यक्ति पात्र माने जाएंगे जो अधिनियम के सभी प्रावधानों पर खरे उतरते हैं। इस नियम का पालन सुनिश्चित करने के लिए ही प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। अधिकारियों को प्रशिक्षित करने से दावों का सही मूल्यांकन करने में आसानी होगी।

यह भी पढ़ें:  परवाणू टोल प्लाजा: सीआरपीएफ कर्मियों पर टोल कर्मचारी के साथ मारपीट का आरोप, जानें पूरा मामला

परियोजनाओं के लिए नई गाइडलाइन

बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय यह भी लिया गया कि अब किसी परियोजना के लिए वन भूमि के हस्तांतरण से पहले एक अनिवार्य शर्त पूरी करनी होगी। परियोजना प्राधिकरण को ग्राम सभा से अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा। इसके लिए ग्राम सभा की बैठक में कम से कम 50 प्रतिशत सदस्यों की उपस्थिति जरूरी है। यह कदम स्थानीय समुदायों की सहमति को महत्व देने की दिशा में उठाया गया है।

वन अधिकार समिति के गठन को लेकर भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। प्रत्येक समिति में कम से कम दस सदस्य होने चाहिए। इन सदस्यों में एक तिहाई महिलाएं अनिवार्य रूप से शामिल की जाएंगी। इस नियम से महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और निर्णय प्रक्रिया में संतुलन लाने का लक्ष्य रखा गया है। बैठक की कार्यवाही का संचालन उपायुक्त किन्नौर डॉ. अमित कुमार शर्मा ने किया।

यह भी पढ़ें:  कलेसर नेशनल पार्क: सर्दियों में हाथियों का स्वर्ग बना हिमाचल का जंगल

इस अवसर पर जिला परिषद उपाध्यक्ष प्रिया नेगी सहित कई स्थानीय जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित रहे। इस बैठक के माध्यम से वन अधिकार अधिनियम के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया गया। सरकार का लक्ष्य है कि इस कानून का लाभ सही और पात्र लोगों तक पहुंचे। प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाकर इस दिशा में तेजी लाने की कोशिश की जा रही है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News