Himachal News: हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने वन अतिक्रमण पर सेब पेड़ों की कटाई के खिलाफ गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने केवल अवैध कब्जा हटाने का आदेश दिया, न कि फलदार पेड़ काटने का। शनिवार को दिए बयान में उन्होंने सरकार से संवेदनशीलता बरतने की अपील की। कुमार ने सुझाव दिया कि कटाई के बजाय वन भूमि को बाड़बंदी कर संरक्षित किया जाए।
पेड़ काटना अनावश्यक
शांता कुमार ने स्पष्ट किया कि हाई कोर्ट का आदेश वन अतिक्रमण हटाने का है, न कि सेब पेड़ों को नष्ट करने का। उन्होंने सरकार को सलाह दी कि वन भूमि पर कांटेदार तार की बाड़ लगाकर बोर्ड स्थापित किए जाएं, जिससे यह स्पष्ट हो कि भूमि वन विभाग की है। इससे अदालत के निर्देशों का पालन होगा और फलदार पेड़ भी बच जाएंगे। यह कदम पर्यावरण और किसानों के हितों की रक्षा करेगा।
सुप्रीम कोर्ट जाने की जरूरत नहीं
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जाना अनावश्यक है। इससे सरकार की छवि खराब हो सकती है। उन्होंने आशंका जताई कि प्रभावशाली लोग, जिनमें कुछ नेता भी शामिल हो सकते हैं, सेब की फसल स्वयं काटने के लिए दबाव बना रहे हैं। कुमार ने भरोसा जताया कि सुप्रीम कोर्ट भी यही स्पष्ट करेगा कि आदेश केवल कब्जा हटाने का था, न कि पेड़ काटने का।
संवेदनशीलता से संभाले सरकार
शांता कुमार ने सरकार से जनभावनाओं का सम्मान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि वन अतिक्रमण का मामला सजगता और संवेदनशीलता से संभालना चाहिए। फलदार पेड़ों की कटाई से किसानों को नुकसान हो रहा है। सरकार को वैकल्पिक उपाय अपनाने चाहिए, जैसे बाड़बंदी और बोर्ड लगाना। इससे न केवल अदालत के आदेशों का पालन होगा, बल्कि किसानों की आजीविका भी सुरक्षित रहेगी।
