India expels top Canadian diplomat: कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत पर दिए गये आपत्तिजनक बयान के बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है और कनाडा के भारतीय डिप्लोमेट को देश से निकालने के बाद, भारत ने भी कनाडा के सीनियर डिप्लोमेट को देश से बाहर निकाल दिया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा के हाई कमिश्नर कैमरून मैके को समन भेजा था, जिसके बाद वो भारतीय विदेश मंत्रालय पहुंचे थे। लेकिन, विदेश मंत्रालय से बाहर आने के बाद वो काफी तिलमिलाए नजर आए और उन्होंने पत्रकारों के मुंह पर अपनी कार का दरवाजा काफी तेजी से बंद किया, जिससे पत्रकार घायल भी हो सकते थे।
कनाडाई हाई कमिश्नर कैमरून मैके के भारतीय विदेश मंत्रालय से निकलने का वीडियो सामने आया है, जिसमें उनके चेहरे पर काफी ज्यादा गुस्सा देखा जा रहा है और विदेश नीति एक्सपर्ट्स का कहना है, कि ऐसा लगता है, कि विदेश मंत्रालय में उन्हें अच्छी खासी डोज दी गई है, जिससे वो तिलमिलाए हुए बाहर निकले और इस बात की परवाह किए बगैर, कि जर्नसलिस्ट घायल हो सकते हैं, उन्होंने कार का दरवाजा काफी तेजी से बंद किया।
वीडियो में देखा जा सकता है, कि कार का दरवाजा पत्रकारों के माइक से टकरा जाता है।
विदेश मामलों के जानकार सुशांत शरीन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्वीटर) पर लिखा है, कि भारत ने कनाडाई सीनियर डिप्लोमेट को देश से निष्कासित करने का जो प्रेस रिलीज जारी किया है, उसका दूसरा पैराग्राफ काफी महत्वपूर्ण है।
जिसमें लिखा है, कि “कनाडाई डिप्लोमेट ने भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप किया है और वो भारत में एंटी-इंडिया गतिविधियों में संलिप्त हैं, इसीलिए उन्हें पांच दिनों में देश छोड़ने का आदेश दिया जाता है।”
आपको बता दें, कि भारत और कनाडा के बीच खालिस्तानियों को लेकर पिछले कई महीनों से तनाव बढ़ रहा था।
कनाडा के सरे में गुरु नानक सिख गुरुद्वारा साहिब के प्रमुख निज्जर की इस साल जून में हत्या कर दी गई थी। वह अलगाववादी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) का प्रमुख था। निज्जर, जो 46 साल का था, उसकी गुरुद्वारे के परिसर में दो अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने एक बयान में कहा, “हमने कनाडाई प्रधान मंत्री के उनकी संसद में दिए गए बयान और उनके विदेश मंत्री के बयान को देखा है और खारिज करते हैं।”
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है, कि “कनाडा में हिंसा के किसी भी कृत्य में भारत सरकार की संलिप्तता के आरोप बेतुके और प्रेरित हैं। इसी तरह के आरोप कनाडाई प्रधान मंत्री ने हमारे प्रधान मंत्री पर लगाए थे और उन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया गया है।”
भारत ने आगे कहा है, कि “इस तरह के निराधार आरोप खालिस्तानी आतंकवादियों और चरमपंथियों से ध्यान हटाने की कोशिश करते हैं, जिन्हें कनाडा में आश्रय प्रदान किया गया है और जो भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा बने हुए हैं। इस मामले पर कनाडाई सरकार की निष्क्रियता लंबे समय से और निरंतर चिंता का विषय रही है।”