Himachal News: हिमाचल प्रदेश के कई युवाओं को विदेशी नौकरी का झूठा लालच देकर साइबर गुलाम बनाया जा रहा है। एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह युवाओं को पर्यटन वीजा और आकर्षक सैलरी का झांसा देकर विदेश ले जा रहा है। वहां पहुंचने के बाद उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए जाते हैं और उन्हें बंधक बना लिया जाता है। प्रदेश के बीस से अधिक युवा म्यांमार, कंबोडिया, थाईलैंड, दुबई और सिंगापुर में फंसे हुए हैं।
इन युवाओं से जबरदस्ती साइबर अपराध करवाए जा रहे हैं। उन्हें ऑनलाइन ठगी, डेटा चोरी और नकली निवेश स्कैम जैसे गैरकानूनी कामों में लगाया गया है। भागने की कोशिश करने पर उनकी पिटाई की जाती है और उन्हें धमकाया जाता है। गिरोह के लोग इन युवाओं से वाट्सएप कॉल करवाकर भारत समेत अन्य देशों के लोगों को ठगते हैं।
ऊना के पूर्व सैनिक के साथ हुई थी बड़ी ठगी
गत वर्ष ऊना जिले के एक पूर्व सैनिक के साथ ऐसी ही एक बड़ी ठगी हुई थी। उन्हें कंबोडिया से एक वाट्सएप कॉल आया था। कॉल करने वालों ने खुद को डिजिटल अरेस्ट बताया और उनसे साठ लाख रुपये की ठगी कर ली। यह पैसा राजस्थान के तीन लोगों के बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया था। पुलिस ने इन तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन गिरोह का मुखिया अभी तक फरार है।
जांच एजेंसियां फंसे युवाओं को वापस लाने में जुटीं
मामला सामने आने के बाद हिमाचल प्रदेश की जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। वे फंसे युवाओं को सुरक्षित भारत वापस लाने की कोशिश कर रही हैं। इंटरनेट मीडिया के बढ़ते इस्तेमाल के साथ साइबर स्लेवरी एक खतरनाक अपराध मॉडल बन गया है। यह गिरोह युवाओं को झूठे जॉब ऑफर देकर विदेश बुलाते हैं।
यांगून दूतावास ने जारी की चेतावनी
यांगून स्थित भारतीय दूतावास ने एक बार फिर चेतावनी जारी की है। दूतावास ने कहा है कि म्यांमार और थाईलैंड की सीमा पर स्थित म्यावाडी और ह्पा लू क्षेत्र में कई भारतीय युवाओं की तस्करी की जा रही है। दूतावास ने विदेश में नौकरी के किसी भी ऑफर को स्वीकार करने से पहले उसकी पूरी जांच करने की सलाह दी है।
इन मामलों की अभी जांच चल रही है। कितने युवा साइबर गुलामी का शिकार हुए हैं, इस बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। पुलिस और जांच एजेंसियां इस मामले की गहराई से जांच कर रही हैं। उन्होंने लोगों से ऐसे किसी भी संदिग्ध जॉब ऑफर के बारे में सतर्क रहने को कहा है।
