Mandi News: खाद्य सुरक्षा विभाग ने जिला मंडी में बिना पंजीकरण चल रहे शराब के ठेकों पर बड़ी कार्रवाई की है। एडीएम कोर्ट के आदेश से छह ठेकों पर कुल तीन लाख साठ हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना प्रत्येक ठेके पर साठ हजार रुपये के हिसाब से लगाया गया है।
इसके अलावा एक मिठाई विक्रेता को खराब मिल्क केक बेचने पर पचास हजार रुपये का जुर्माना झेलना पड़ा है। एक होटल को साफ सफाई न रखने पर भी बीस हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह सभी कार्रवाइयां खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने पर की गई हैं।
खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने पहले इन ठेकों का निरीक्षण किया था। निरीक्षण में पाया गया कि ये ठेके पंजीकृत नहीं थे। इसके बाद ठेका संचालकों को नोटिस जारी किए गए। संतोषजनक जवाब न मिलने पर मामला एडीएम अदालत को भेज दिया गया।
अदालत ने सुनवाई के बाद इन ठेकों पर भारी जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई खाद्य सुरक्षा कानूनों के प्रति सख्ती दिखाती है। इससे उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
खराब मिल्क केक पर जुर्माना
रत्ती क्षेत्र में एक मिठाई विक्रेता पर भी कार्रवाई हुई है। पिछले वर्ष दिवाली के दौरान उसकी दुकान से खराब मिल्क केक पकड़ा गया था। लगभग तीन सौ चौबीस किलो मिल्क केक जब्त किया गया था।
जांच में यह मिल्क केक निम्नस्तरीय पाया गया। यह मिल्क केक मानकों पर खरा नहीं उतरा था। इस मामले को भी एडीएम अदालत में भेजा गया था। अदालत ने दुकानदार को पचास हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
नमूनों में भी मिली कमियां
खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने अन्य नमूनों की जांच भी की है। हल्दी आटा और दूध के नमूने मिस ब्रांडेड पाए गए हैं। नगर निगम की टीम द्वारा लिए गए मखाने के नमूने भी मिस ब्रांडेड मिले हैं।
एक दूध विक्रेता के पास लाइसेंस न होने पर उसे नोटिस जारी किया गया है। विभाग ने नगर निगम क्षेत्र में पनीर और दालों के नमूने भी एकत्र किए हैं। बच्चों की नारियल टाफी और सब्जियों के नमूने भी लिए गए हैं।
इन सभी नमूनों की जांच रिपोर्ट का इंतजार है। रिपोर्ट आने के बाद संबंधित दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विभाग की यह कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी।
खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त एलडी ठाकुर ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि विभाग की निगरानी लगातार जारी है। कोई भी उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उपभोक्ताओं की सुरक्षा विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसलिए खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सभी विक्रेताओं से मानकों का पालन करने की अपेक्षा की जाती है।
