Himachal News: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के गोहर उपमंडल में 30 जून को आई बाढ़ आपदा ने कई परिवारों को गहरे दुख में डुबो दिया। ज्यूणी खड्ड के तेज बहाव में बहे नौ लोगों में से छह के शव अभी तक नहीं मिले। स्यांज पंचायत के बागा और पंगलियूर गांव के दो परिवारों के सदस्य इस आपदा की चपेट में आए। प्रभावित परिवार अब अपनों की तलाश में भटक रहे हैं।
बचाव दलों की तलाश बेकार
एसडीआरएफ और अन्य बचाव दलों ने मलबे और पानी में लापता लोगों की तलाश की। हर संभव स्थान की छानबीन की गई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। टीमें थककर लौट गईं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सागरचंद्र ने बताया कि सभी क्षेत्रों में खोजबीन की गई, लेकिन लापता लोग नहीं मिले। परिवारों की उम्मीदें अब धूमिल हो रही हैं। यह आपदा गोहर, स्यांज और परवाड़ा गांवों के लिए त्रासदी बन गई।
डीएनए से होगी शवों की पहचान
पुलिस ने लापता लोगों के परिजनों के डीएनए नमूने एकत्र किए हैं। अगर शव मिलते हैं, तो डीएनए के जरिए उनकी पहचान होगी। यह कदम प्रभावित परिवारों के लिए थोड़ी राहत लेकर आया, लेकिन अपनों के न मिलने का दर्द बरकरार है। बाढ़ आपदा ने न केवल जिंदगियां छीनीं, बल्कि कई घरों को भी उजाड़ दिया। प्रशासन ने प्रभावितों को सहायता देने की बात कही है।
आपदा में बहे परिवार
स्यांज के पंगलियूर से इंद्रदेव और उनकी बेटी कनिका का शव जोगिंद्रनगर में मिला। बागा गांव की देवकू देवी का शव कांगड़ा के देहरा में बरामद हुआ। लेकिन बागा का पदम, पंगलियूर के झाबेराम, पार्वती देवी, सुरती देवी, उमावती, गौतम और परवाड़ा की राधा देवी व उनकी सास पूर्णू देवी का अभी कोई सुराग नहीं है। परिवारों का इंतजार लंबा हो गया है।
बाढ़ ने मचाई भारी तबाही
30 जून को मंडी जिले में भारी बारिश और बादल फटने से ज्यूणी खड्ड में बाढ़ आई। इसने गोहर उपमंडल के कई गांवों को प्रभावित किया। घर, सड़कें और पुल बह गए। बाढ़ आपदा ने स्यांज और परवाड़ा गांवों में भारी नुकसान पहुंचाया। प्रशासन ने राहत कार्य शुरू किए, लेकिन लापता लोगों की तलाश अब भी अधूरी है। प्रभावित परिवारों का दुख और अनिश्चितता बनी हुई है।
