India News: भारत की वित्तीय खुफिया इकाई FIU-IND ने 25 विदेशी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। इन एक्सचेंजों पर मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून यानी PMLA, 2002 का पालन न करने का आरोप है। इनमें हुइओने, बीसी गेम और पैक्सफुल जैसे बड़े नाम शामिल हैं। सरकार ने इनकी वेबसाइट्स और ऐप्स को ब्लॉक करने के निर्देश दिए हैं।
इन विदेशी एक्सचेंजों ने भारतीय उपयोगकर्ताओं को अपनी सेवाएं तो दीं लेकिन FIU-IND के साथ अनिवार्य पंजीकरण नहीं कराया। भारत में क्रिप्टोकरेंसी गतिविधियों को संचालित करने वाले सभी वर्चुअल डिजिटल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए यह पंजीकरण जरूरी है। यह कदम वित्तीय अनियमितताओं और गैरकानूनी लेनदेन पर नजर रखने के लिए उठाया गया है।
क्यों हुई है यह कार्रवाई?
भारत में क्रिप्टोकरेंसी कारोबार के लिए अभी तक कोई विशेष कानून नहीं बना है। ऐसे में सरकार इसे मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत ही नियंत्रित करती है। FIU-IND ने पाया कि ये विदेशी प्लेटफॉर्म भारतीय उपयोगकर्ताओं से जुड़ रहे हैं लेकिन देश के नियमों का पालन नहीं कर रहे। इन पर लेनदेन का रिकॉर्ड रखने और रिपोर्टिंग करने की जिम्मेदारी का निर्वहन न करने का आरोप है।
इन एक्सचेंजों द्वारा नियमों की अवहेलना करने से देश की वित्तीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है। गैरपंजीकृत प्लेटफॉर्म के जरिए होने वाले लेनदेन पर नजर रखना मुश्किल हो जाता है। इससे मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य अवैध गतिविधियों के लिए रास्ता बन सकता है। सरकार का यह कदम इन्हीं जोखिमों को कम करने के लिए है।
कौन से हैं वो 25 क्रिप्टो एक्सचेंज?
FIU-IND द्वारा चिन्हित किए गए एक्सचेंजों की सूची में प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म शामिल हैं। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी इस सूची में हुइओने, बीसी गेम, पैक्सफुल और चेंजली जैसे नाम हैं। सूची में सीईएक्स डॉट आईओ, एलबैंक, यूहोडलर और बिंगएक्स भी शामिल हैं। प्राइमएक्सबीटी, बीटीसीसी और कोइनेक्स जैसे प्लेटफॉर्म भी नोटिस का हिस्सा हैं।
इसके अलावा रेमिटानो, पोलोनीएक्स, बिटमेक्स और बिटरू जैसे एक्सचेंज भी लिस्ट में हैं। एलसीएक्स, प्रोबिट ग्लोबल, बीटीएसई और हिट बीटीसी भी शामिल किए गए हैं। लोकलकॉइनस्वैप, एसेंडएक्स, फेमेक्स, जूमेक्स, कोइनकोला और कोइनडब्ल्यू को भी नोटिस जारी किया गया है।
भारतीय निवेशकों पर क्या पड़ेगा असर?
इस कार्रवाई का सीधा असर उन भारतीय निवेशकों पर पड़ेगा जो इन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर रहे थे। अब उनकी इन एक्सचेंजों तक पहुंच प्रतिबंधित हो जाएगी। उन्हें अपनी ट्रेडिंग गतिविधियों को बंद करना पड़ सकता है या फंड निकालने में दिक्कत आ सकती है। इससे उनके निवेश पर तत्काल नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
इन गैरपंजीकृत प्लेटफॉर्म्स पर किए गए निवेश में कानूनी सुरक्षा का अभाव है। किसी भी तरह की धोखाधड़ी या तकनीकी समस्या की स्थिति में उपयोगकर्ताओं के पास कानूनी दावा करने का कोई विकल्प नहीं होगा। भारतीय नियामकों के पास ऐसे मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है।
निवेशकों को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
निवेशकों के लिए अब केवल उन्हीं क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करना सुरक्षित रहेगा जो FIU-IND के साथ पंजीकृत हैं। पंजीकृत प्लेटफॉर्म देश के कानूनों के प्रति जवाबदेह होते हैं और उन्हें नियमित रिपोर्टिंग करनी होती है। इससे उपयोगकर्ताओं के फंड और लेनदेन की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
निवेशकों को किसी भी प्लेटफॉर्म पर पैसा लगाने से पहले उसके पंजीकरण की स्थिति की जांच कर लेनी चाहिए। FIU-IND की वेबसाइट पर पंजीकृत वर्चुअल डिजिटल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स की सूची उपलब्ध है। केवल विश्वसनीय और विनियमित प्लेटफॉर्म्स का चयन करके ही निवेशक अपने पैसे को सुरक्षित रख सकते हैं।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी का वर्तमान परिदृश्य
भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना वर्तमान में गैरकानूनी नहीं है। हालांकि इसके लिए अभी तक कोई समग्र विशेष कानूनी ढांचा मौजूद नहीं है। सरकार इस क्षेत्र को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून और अन्य वित्तीय नियमों के तहत नियंत्रित कर रही है। इसका मुख्य उद्देश्य निवेशकों के हितों की रक्षा करना और वित्तीय अनियमितताओं को रोकना है।
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के लिए पंजीकरण अनिवार्य करना इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे सरकार को इन प्लेटफॉर्म्स की गतिविधियों पर नजर रखने में मदद मिलेगी। यह कदम डिजिटल संपत्ति के क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
