Uttarakhand News: उत्तरकाशी की अंधेरी सुरंग में 41 मजदूर जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। आज मजदूरों को सुरंग के अंदर फंसे हुए 10 दिन हो गए हैं और उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन तेज हो गया है.
इस बीच आज उत्तरकाशी की सुरंग से एक मजदूर की बातचीत का ऑडियो सामने आया है. वॉकी-टॉकी के जरिए कार्यकर्ताओं से बात की जा रही है. इससे पहले बड़ी राहत की तस्वीरें सामने आई हैं.
सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों का पहला वीडियो भी सामने आ गया है. ये वीडियो आज सुबह 4 बजे का है. फिलहाल सभी मजदूर सुरक्षित हैं. सभी लोग घूम रहे हैं और कंट्रोल रूम से बात भी कर रहे हैं.
सुरंग में फंसे मजदूर ने क्या कहा?
आज जो ऑडियो सामने आया है, उसमें एक मजदूर कह रहा है, ”गांव के परिवार के लोग सभी मेरा स्वागत कर रहे हैं… हम सब यहां ठीक हैं… सब कुछ ठीक है, कोई दिक्कत नहीं है… खाने और पीने की चीजें उपलब्ध हैं… हम अच्छा कर रहे हैं… सभी चीजें उपलब्ध हैं और समय-समय पर खाना भी मिलता है, कोई दिक्कत नहीं है… इंशाअल्लाह हम एक-दो दिन में आराम से बाहर आ जायेंगे, कोई दिक्कत नहीं है. ”
9 दिन बाद मजदूरों के लिए भेजी गई खिचड़ी
वहीं आपको बता दें कि कल हादसे के 9वें दिन रेस्क्यू टीम को बड़ी सफलता मिली. मजदूरों तक 6 इंच चौड़ी पाइप पहुंची है, जिसके जरिए अब टनल में फंसे मजदूरों तक खाना पहुंचाया जा रहा है. 6 इंच चौड़े पाइप के जरिए मजदूरों तक खिचड़ी, संतरा और पानी पहुंचाया गया है. खिचड़ी बोतलों में पहुंचाई गई है. 6 इंच चौड़ी पाइप करीब 53 मीटर लंबी है जिसके जरिए खाना पहुंचाया जाता था. इतना ही नहीं बचाव अभियान में डीआरडीओ के रोबोट मदद कर रहे हैं. सुरंग में फंसे लोगों को मोबाइल फोन और बिजली आपूर्ति चार्जर उपलब्ध कराने का भी प्रयास किया जा रहा है. इसके अलावा सुरंग के अंदर वाई-फाई सुविधा उपलब्ध कराने का भी प्रयास किया जा रहा है।
मजदूरों के परिवारों का मनोबल बढ़ा
लेकिन इस वक्त सबसे बड़ी राहत ये है कि सभी मजदूर सुरक्षित हैं. सभी की गिनती हो चुकी है, सभी से बात की जा रही है. ये ऑडियो और तस्वीरें टनल में फंसे 41 मजदूरों के परिवारों के लिए बड़ी राहत हैं. वे 10 दिनों से अंधेरी सुरंग में फंसे हैं और बाहर उनका बुरा हाल है, लेकिन अब इस ऑडियो और वीडियो के सामने आने के बाद मजदूरों के साथ-साथ उनके परिवारों का भी मनोबल बढ़ गया है. जीवन के प्रति नई आशा जगी है.
सुरंग में रेस्क्यू ऑपरेशन तेज
विशेषज्ञ टीम श्रमिकों को बचाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का भी उपयोग कर रही है। डीआरडीओ की रोबोटिक्स मशीन टीम फिलहाल सिल्क्यारा टनल में मौजूद है. डीआरडीओ के 70 किलो के दो रोबोट यहां पहुंच चुके हैं, जबकि ड्रोन भी नए सिरे से उड़ाया जाएगा. सुरंग के अंदर डीआरडीओ के दो रोबोट लाए गए हैं, जिनमें से एक 50 किलो का और दूसरा 20 किलो का है. पहले दिन ड्रोन अच्छे नतीजे नहीं दे सका लेकिन आज इसे एक बार फिर उड़ाया जाएगा.