India News: सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को मनाया जाएगा। यह दिन शिव भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, सावन में भगवान शिव संसार का संचालन करते हैं, क्योंकि भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं। इस दिन व्रत और पूजा से भक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करते हैं। गजानन संकष्टी चतुर्थी का संयोग भी इसे और शुभ बनाता है। आइए जानें पूजा के शुभ मुहूर्त और विधि।
सावन सोमवार का शुभ मुहूर्त
सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को है। इस दिन सुबह 06:49 तक धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा, इसके बाद शतभिषा नक्षत्र शुरू होगा। आयुष्मान योग शाम 04:14 तक रहेगा, फिर सौभाग्य योग प्रभावी होगा। ये नक्षत्र और योग धार्मिक कार्यों के लिए शुभ माने जाते हैं। शिव भक्त इस समय पूजा और व्रत कर विशेष फल प्राप्त कर सकते हैं। पूजा का समय सुबह जल्दी शुरू करना उत्तम रहेगा।
शिव पूजा की सही विधि
सावन सोमवार की पूजा के लिए सुबह जल्दी उठें। स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें। नजदीकी शिव मंदिर जाएं। शिवलिंग को गंगाजल से स्नान कराएं। फिर दूध, दही, शहद, घी और गन्ने के रस से पंचामृत अभिषेक करें। सफेद चंदन, फूल, भांग, धतूरा और तिल अर्पित करें। भगवान गणेश, माता पार्वती, कार्तिकेय और नंदी को भी प्रसाद चढ़ाएं। अंत में शिव आरती और मंत्र जप करें।
भोग और मंत्र जप का महत्व
पूजा के बाद भगवान शिव को घर की बनी खीर का भोग लगाएं। यह भक्ति का प्रतीक है। ऊं नम: शिवाय या श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जप करें। ये मंत्र भोलेनाथ को प्रसन्न करते हैं। सावन सोमवार के दिन भक्त पूरे मन से शिव भक्ति में लीन रहते हैं। इस दिन की पूजा से मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। भक्तों का विश्वास है कि इससे उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
सावन में शिव भक्ति का महत्व
सावन का महीना शिव भक्तों के लिए पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि इस महीने में भगवान शिव की पूजा से विशेष आशीर्वाद मिलता है। सावन सोमवार को व्रत और पूजा करने से भक्तों को जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। जो लोग पूरे महीने पूजा नहीं कर सकते, वे इस दिन विशेष अनुष्ठान कर भगवान शिव का आशीर्वाद पा सकते हैं। यह दिन भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है।
