प्रदेश में चुनावी शोर थम चुका है। फिर से जिला ऊना के ड्रीम प्रोजेक्ट बल्क ड्रग पार्क को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। हरोली के पोलियां बीत में 1405 एकड़ भूमि पर बनने वाले इस पार्क की केंद्रीय मंत्रालय के समक्ष तमाम औपचारिकताएं पूर्ण हो चुकी हैं।
अब आधारभूत ढांचे को विकसित करने के लिए राशि की पहली किस्त जारी का इंतजार है। इस पर चुनाव आचार संहिता का ग्रहण लगा हुआ है और पहली किस्त अटकी हुई है।
13 अक्तूबर को बल्क ड्रग पार्क के शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं ऊना पहुंचे। कयास लगाए जाने लगे कि बल्क ड्रग पार्क के निर्माण के लिए प्रारंभिक कार्य शुभारंभ करने को केंद्र सरकार एक दो दिन में पहली किस्त जारी कर सकती है। इसके अगले ही दिन निर्वाचन आयोग ने मतदान की तिथि घोषित कर आचार संहिता लागू कर दी। तब से लेकर अब तक बल्क ड्रग पार्क का कार्य आगे नहीं बढ़ पाया। चुनाव मतदान प्रक्रिया समाप्त होने के बाद अब शोर थमा है तो लोगों को बड़े प्रोजेक्ट के कार्य को शुरू होने की आस भी बंधी है।
इतना रहेगा अनुमानित खर्च
जिला ऊना के हरोली स्थित पोलियां बीत क्षेत्र में 1405 एकड़ भूमि पर करीब 1923 करोड़ की लागत से बल्क ड्रग पार्क का निर्माण प्रस्तावित है। इसमें केंद्र सरकार की अनुदान राशि 1118 करोड़ रुपये और बाकी 804.54 करोड़ रुपये की राशि प्रदेश सरकार खर्च करेगी।
600 के करीब दवा उद्योग होंगे स्थापित
पार्क में करीब 600 दवाई उत्पादक इकाइयां स्थापित होंगी। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 50,000 से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिलेगा। औद्योगिक नीति के आधार पर हिमाचली युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। हरोली में इसके बनने के बाद एपीआई यानी कच्चा माल यहीं तैयार होगा और देश सहित विदेश में भी निर्यात होगा। अन्यथा देश में जो दवाइयां बन रही हैं, उनका करीब 90 फीसदी कच्चा माल चीन से आयात करना पड़ता है। हरोली के अलावा देश में दो बल्क ड्रग पार्क बनने के बाद चीन पर निर्भरता न के बराबर रही जाएगी।
बल्क ड्रग पार्क की पहली किस्त को लेकर तमाम औपचारिकताएं पूर्ण कर ली गई हैं। जल्द से जल्द इसकी पहली किस्त जारी होने की संभावना है, जिससे कार्य को शुरू करने में सहायता मिलेगी। – राकेश कुमार प्रजापति, निदेशक, उद्योग विभाग।