Washington: अमेरिका का एफ-35 (F-35) आज की दुनिया में सिर्फ एक Fighter Jet नहीं, बल्कि हवा में उड़ता सुपरकंप्यूटर है। इसमें लगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिस्टम दुश्मन की पहचान पलक झपकते ही कर लेता है। यह हाई-टेक Fighter Jet पायलट को तुरंत बताता है कि किस दुश्मन पर कौन सा हथियार चलाना सही रहेगा। हालांकि, गोली चलाने का आखिरी फैसला पायलट का ही होता है।
खतरे को नंबर देता है यह सिस्टम
इस Fighter Jet में एक खास थ्रेट इवैल्यूएशन सिस्टम (Threat Evaluation System) लगा है। जब यह हवा में होता है, तो सामने आने वाले हर खतरे को 0 से 1 के बीच नंबर देता है। जिसका नंबर जितना ज्यादा होता है, वह उतना बड़ा खतरा माना जाता है। यह सिस्टम दुश्मन की स्पीड, दूरी और ऊंचाई को मापता है। इसके बाद विमान का कंप्यूटर खुद तय करता है कि सबसे पहले किससे निपटना है।
पायलट को सब कुछ एक स्क्रीन पर दिखता है
एफ-35 की सबसे बड़ी ताकत इसका ‘सेंसर फ्यूजन’ है। रडार, इंफ्रारेड और कैमरों से मिली सारी जानकारी एक ही स्क्रीन पर आ जाती है। पायलट को अलग-अलग मीटर या स्क्रीन देखने की जरूरत नहीं पड़ती। इसका AN/APG-81 रडार दुश्मन को बहुत दूर से ही देख लेता है। इससे पायलट को फैसला लेने में आसानी होती है।
100 मील दूर से हमले की क्षमता
जब दुश्मन दिखाई न दे रहा हो, तो यह Fighter Jet AIM-120 AMRAAM मिसाइल का इस्तेमाल करता है। यह रडार से चलने वाली मिसाइल है। यह 100 मील से ज्यादा दूरी तक मार कर सकती है। एफ-35 में ऐसी चार मिसाइलें अंदर छिपी होती हैं। इससे दुश्मन का रडार इस विमान को आसानी से पकड़ नहीं पाता।
नजदीकी लड़ाई के लिए खास हथियार
अगर दुश्मन 20 मील के दायरे में आ जाए, तो यह जेट AIM-9X साइडवाइंडर मिसाइल दागता है। यह मिसाइल इंजन की गर्मी पकड़कर पीछा करती है। खराब मौसम या बादलों का इस पर असर नहीं होता। अगर सारी मिसाइलें खत्म हो जाएं, तो आखिर में 25 मिमी की तोप का इस्तेमाल होता है। इसमें 182 गोलियां होती हैं।
दुश्मन के रडार को कर देता है जाम
कई बार मिसाइल चलाने से बेहतर दुश्मन को कंफ्यूज करना होता है। एफ-35 का सिस्टम यह खुद तय करता है कि हमला करना है या रडार जैम करना है। यह अपनी फ्रीक्वेंसी बदलता रहता है। इस वजह से दुश्मन का Fighter Jet इस पर निशाना लॉक नहीं कर पाता। पायलट के हेलमेट पर ही सारी जानकारी दिखती है और दुश्मन को संभलने का मौका नहीं मिलता।
