New Delhi: भारत में डायबिटीज और कैंसर के बाद अब लिवर की बीमारी तेजी से फैल रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश की बड़ी आबादी नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) की चपेट में है। पीआईबी (PIB) की 2024 की रिपोर्ट बताती है कि भारत में करीब 38 फीसदी लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं। यह बीमारी शरीर में चुपचाप पनपती है और शुरुआत में इसके लक्षण आसानी से पकड़ में नहीं आते हैं।
लगातार थकान होना खतरे की घंटी
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी ने इस बीमारी को लेकर चेतावनी दी है। उनके अनुसार, अगर आपको हर समय थकान महसूस होती है, तो सतर्क हो जाएं। यह थकान आराम करने के बाद भी खत्म नहीं होती है। लिवर पर चर्बी जमा होने से शरीर पोषक तत्वों को ऊर्जा में नहीं बदल पाता है। इससे मरीज को दिनभर सुस्ती और भारीपन लगता है।
पेट की बढ़ती चर्बी है बड़ा संकेत
अगर आपके शरीर के बाकी हिस्से सामान्य हैं लेकिन पेट का आकार बढ़ रहा है, तो यह चिंता का विषय है। पेट और कमर के पास जमा होती चर्बी फैटी लिवर का स्पष्ट संकेत देती है। यह बताता है कि आपके अंदरूनी अंगों के आसपास फैट जमा हो रहा है। डॉक्टर इसे इंसुलिन रेजिस्टेंस की शुरुआत मानते हैं।
दाहिनी ओर दर्द और त्वचा में बदलाव
पसलियों के नीचे दाईं तरफ हल्का दर्द या दबाव महसूस होना लिवर में सूजन का इशारा है। यह दर्द बहुत तेज नहीं होता, लेकिन लगातार एक अजीब सी बेचैनी बनी रहती है। इसके अलावा गर्दन या बगल की त्वचा का काला पड़ना भी इसका लक्षण है। यह शरीर में शुगर का स्तर बिगड़ने और भविष्य में डायबिटीज होने का खतरा बताता है।
पाचन तंत्र में गड़बड़ी
लिवर जब ठीक से काम नहीं करता, तो शरीर से विषैले पदार्थ बाहर नहीं निकल पाते। इससे मरीज को भूख कम लगती है। थोड़ा सा खाना खाने पर ही पेट भरा हुआ महसूस होता है। कई लोगों को बार-बार मतली आने की शिकायत भी रहती है। इन संकेतों को सामान्य गैस या एसिडिटी समझकर नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।
