India News: भारत में फसल बीमा योजना के तहत 5,000 करोड़ रुपये से अधिक के दावे लंबित हैं। 2023-24 में 2.29 करोड़ किसानों ने दावे दायर किए। केंद्र सरकार ने 1.29 लाख करोड़ रुपये का प्रीमियम जमा किया। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 1,700 करोड़ रुपये के दावे अटके हैं। किसानों को मुआवजा मिलने में देरी हो रही है। बीमा कंपनियां और सरकार दावों के निपटारे में तेजी लाने की कोशिश कर रही हैं।
दावों की स्थिति
2023-24 में फसल बीमा के तहत 2.29 करोड़ दावे प्राप्त हुए। इनमें से 1.67 करोड़ दावों का निपटारा हुआ। 62 लाख दावे अभी भी लंबित हैं। महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा दावे अटके हैं। कुल 5,200 करोड़ रुपये के दावे बकाया हैं। बीमा कंपनियों ने देरी के लिए दस्तावेजों की कमी को जिम्मेदार ठहराया। केंद्र सरकार ने निपटारे की प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए हैं।
प्रभावित राज्य और किसान
महाराष्ट्र में 1,700 करोड़ रुपये के फसल बीमा दावे लंबित हैं। राजस्थान में 1,200 करोड़ और मध्य प्रदेश में 900 करोड़ रुपये के दावे बकाया हैं। किसानों ने खरीफ और रबी फसलों के नुकसान की शिकायत की। बाढ़, सूखा और कीटों ने फसलों को नुकसान पहुंचाया। कई किसानों को दो साल से मुआवजा नहीं मिला। कृषि मंत्रालय ने बकाया दावों को जल्द निपटाने का आश्वासन दिया है।
सरकार की पहल
केंद्र सरकार ने फसल बीमा दावों के निपटारे के लिए समीक्षा समिति बनाई है। बीमा कंपनियों को दस्तावेज सत्यापन में तेजी लाने को कहा गया है। डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए दावे जमा करने की सुविधा शुरू की गई। किसानों से समय पर दस्तावेज जमा करने की अपील की गई है। सरकार ने 2023-24 में 1.29 लाख करोड़ रुपये का प्रीमियम जमा किया। लंबित दावों को जल्द निपटाने की कोशिश जारी है।
