Srinagar News: राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में फल उद्योग को नुकसान पहुंचाने की किसी साजिश से इनकार किया है। अनंतनाग जिले में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग ईश्वर के प्रकोप के कारण बंद रहा। अब्दुल्ला ने कहा कि पहाड़ टूटना और भारी बारिश लोगों के कारण नहीं हुई।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ऊपर वाले का प्रकोप है क्योंकि लोग ईश्वर को भूल गए हैं। वह फलों से भरे ट्रकों को जानबूझकर रोकने के आरोपों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। कुछ नेताओं ने आरोप लगाया था कि जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को जानबूझकर कमजोर किया जा रहा है।
अब्दुल्ला ने कहा कि लोग ईश्वर को याद नहीं करते और गरीबों के साथ ईश्वर की कृपा नहीं बांटते। उन्होंने कहा कि इन परेशानियों से सीख लेकर ईश्वर की शरण में जाना चाहिए। तभी वह इन समस्याओं से छुटकारा दिला सकते हैं।
उन्होंने गाजा की स्थिति का उदाहरण देते हुए कहा कि इजराइल लोगों को मिटाने की कोशिश कर रहा है। अब्दुल्ला ने पूछा कि क्या कोई मुस्लिम देश अपनी आवाज उठा रहा है। उन्होंने कहा कि हजारों लोग मर रहे हैं क्योंकि वे ईश्वर से दूर हो गए हैं।
जब पूछा गया कि क्या नेता फलों के मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं तो अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर में राजनीति कभी नहीं रुकेगी। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के घर इसी से चलते हैं और उन्हें दिल्ली से धनराशि मिलती है। अब्दुल्ला ने कहा कि ये लोग दूसरों की कृपा पर जिंदा हैं।
फल उद्योग को हुए नुकसान पर अब्दुल्ला का बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में फल उद्योग क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है। हाल के दिनों में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण परिवहन व्यवस्था प्रभावित हुई है।
कश्मीर घाटी से फलों की ढुलाई बाधित होने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि इससे करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। प्रशासन ने राजमार्गों की मरम्मत का काम तेज कर दिया है।
