शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

एफएपी राष्ट्रीय पुरस्कार 2025: 800 से ज्यादा स्कूलों को मिला सम्मान, हरियाणा राज्यपाल ने किया उद्घाटन

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Punjab News: चंडीगढ़ विश्वविद्यालय ने पंजाब की फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स एंड एसोसिएशन के साथ मिलकर एफएपी राष्ट्रीय पुरस्कार 2025 का पांचवां संस्करण आयोजित किया। इस बड़े समारोह में देश के 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 782 से अधिक स्कूलों के प्रधानाचार्य, शिक्षक और छात्र सम्मानित हुए। हरियाणा के राज्यपाल प्रोफेसर आशिम कुमार घोष ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

समारोह में सांसद सतनाम सिंह संधू ने अध्यक्षता की। वे चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं। उनके साथ राज्यपाल की पत्नी मित्रा घोष भी मौजूद रहीं। आईसीएसई के अध्यक्ष डॉ. जी इमैनुएल, पंजाबी गायक-अभिनेता गुरनाम भुल्लर और कुलपति डॉ. रविराजा एन सीताराम ने भी शिरकत की। यह आयोजन निजी स्कूलों के शिक्षा, खेल और संस्कृति में योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देता है।

किन-किन को मिले पुरस्कार

कार्यक्रम में कुल 20 विशेष पुरस्कार दिए गए। इनमें लाइफटाइम अचीवमेंट, शैक्षणिक उत्कृष्टता और खेल उपलब्धि के पुरस्कार शामिल हैं। 50 से अधिक प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को लाइफटाइम अचीवमेंट सम्मान मिला। वहीं 315 मेधावी छात्रों को शैक्षणिक उपलब्धि और 356 छात्रों को खेल उपलब्धि के लिए पुरस्कृत किया गया। सभी विजेताओं को मंच पर ट्रॉफी और प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए।

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यह दो दिवसीय आयोजन शिक्षा क्षेत्र की विविधता को दर्शाता है। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, केरल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, असम, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और चंडीगढ़ से स्कूलों ने हिस्सा लिया। हर राज्य के सर्वश्रेष्ठ स्कूलों को अलग-अलग श्रेणी में सम्मान मिला।

चार मुख्य श्रेणियों में बांटे गए सम्मान

एफएपी राष्ट्रीय पुरस्कार चार श्रेणियों में दिए गए। पहली श्रेणी सर्वश्रेष्ठ विद्यालय पुरस्कार रही। दूसरी आजीवन उपलब्धि पुरस्कार, तीसरी विद्यालय गौरव पुरस्कार और चौथी सर्वश्रेष्ठ छात्र पुरस्कार (भारत गौरव)। ये सम्मान शैक्षणिक प्रदर्शन, खेल सफलता, सांस्कृतिक गतिविधियों और सामाजिक कार्यों के आधार पर चुने गए। जूरी ने महीनों तक आवेदनों की जांच की।

निजी स्कूलों की भूमिका आज देश की शिक्षा व्यवस्था में बहुत बड़ी हो गई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में 35 प्रतिशत से ज्यादा बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ते हैं। ऐसे में उनके योगदान को मान्यता देना जरूरी है। यह पुरस्कार उसी दिशा में एक बड़ा कदम है।

राज्यपाल ने क्या कहा

हरियाणा के राज्यपाल प्रोफेसर आशिम कुमार घोष ने अपने संबोधन में कहा कि निजी स्कूल गुणवत्ता शिक्षा दे रहे हैं। उन्होंने शिक्षकों की मेहनत की सराहना की। राज्यपाल ने छात्रों से देश सेवा का आह्वान किया। उनकी पत्नी मित्रा घोष ने भी महिला शिक्षा पर जोर दिया। दोनों ने विजेताओं को बधाई दी।

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सतनाम सिंह संधू ने कहा कि चंडीगढ़ विश्वविद्यालय हर साल यह आयोजन करता रहेगा। उन्होंने फेडरेशन को धन्यवाद दिया। गुरनाम भुल्लर ने गीत गाकर समां बांध दिया। बच्चों ने उनके साथ फोटो खिंचवाई। पूरा माहौल उत्साह से भरा रहा।

यह समारोह सिर्फ पुरस्कार वितरण नहीं था। यह शिक्षा क्षेत्र के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना। अलग-अलग राज्यों से आए शिक्षक एक-दूसरे से मिले। उन्होंने अपने अनुभव साझा किए। कई स्कूलों ने एक-दूसरे के साथ सहयोग की बात की।

शिक्षा जगत में ऐसे आयोजन बहुत कम होते हैं जो पूरे देश को एक मंच पर लाएं। एफएपी राष्ट्रीय पुरस्कार अब अपना अलग स्थान बना चुका है। अगले साल इसका छठा संस्करण और बड़ा होगा। आयोजकों ने सभी अतिथियों और विजेताओं का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम देर रात तक चला।

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