शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

नकली शराब: गाजियाबाद में शराब की दुकान के सीक्रेट रूम से बरामद हुई डुप्लीकेट बोतलें

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UTTAR PRADESH NEWS: गाजियाबाद के शास्त्री नगर इलाके में एक लाइसेंसी शराब की दुकान के पीछे बने गुप्त कमरे से पुलिस ने नकली शराब का बड़ा रैकेट पकड़ा है। इस सीक्रेट रूम में प्रीमियम ब्रांड्स की डुप्लीकेट शराब बनाई जा रही थी। मौके से नकली बोतलें, ढक्कन और खाली पैकिंग के सामान बरामद किए गए हैं। आरोप है कि चंडीगढ़ से बोतलें और मेरठ से नकली ढक्कन मंगाकर यहां अवैध कारोबार चलाया जा रहा था।

इस घटना ने उपभोक्ताओं के मन में एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि जो शराब वे खरीद रहे हैं, वह असली है या नकली। नकली शराब की पहचान करना आम खरीदार के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हालांकि, कुछ आसान तरीकों से आप इसकी सही पहचान कर सकते हैं।

पैकिंग और प्रिंटिंग की गुणवत्ता पर ध्यान देना पहला कदम है। असली शराब की बोतल पर टैक्स स्टाम्प, बारकोड और क्यूआर कोड साफ दिखाई देते हैं। प्रिंटिंग भी साफ और स्पष्ट होती है तथा शब्दों की स्पेलिंग में कोई गलती नहीं होती। यदि लेबल का रंग हल्का है या प्रिंट धुंधला है तो सतर्क हो जाना चाहिए।

बोतल के ढक्कन या सील की जांच करना अगला महत्वपूर्ण कदम है। असली बोतल का ढक्कन पूरी तरह से फिट और कसा हुआ होता है। यदि ढक्कन ढीला है, उसकी बनावट असमान है या सील टूटी हुई है, तो यह नकली उत्पाद का संकेत हो सकता है। कैप के नीचे की सील भी फैक्ट्री जैसी मजबूत और साफ होनी चाहिए।

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बोतल के ग्लास की गुणवत्ता भी बहुत कुछ बताती है। ब्रांडेड शराब की बोतलों के नीचे या किनारे पर कंपनी का नाम या मोल्ड नंबर उभरा हुआ होता है। यह निशान स्थायी और स्पष्ट होता है। नकली बोतलों में अक्सर यह निशान गायब होता है या धुंधला होता है। ग्लास की मोटाई और समग्र फिनिश पर भी नजर डालें।

शराब के तरल की स्थिति की जांच करना एक और विश्वसनीय तरीका है। बोतल को हल्का सा हिलाकर देखें। असली शराब में बनने वाले बुलबुले समान रूप से और धीरे-धीरे बैठते हैं। यदि तरल में धुंधलापन, तैरते हुए कण या अनियमित बुलबुले दिखें, तो यह मिलावट का संकेत है। शराब का रंग भी एक समान और प्राकृतिक दिखना चाहिए।

स्टिकर और सीरियल नंबर है सबसे अहम

दिल्लीऔर एनसीआर जैसे क्षेत्रों में बिकने वाली हर कानूनी शराब की बोतल पर एक विशेष स्टिकर जरूर होता है। इस स्टिकर पर एक क्यूआर कोड या सीरियल नंबर छपा होता है। यह स्टिकर ढक्कन और बोतल दोनों को जोड़ता है और इसकी जांच करना असली शराब पहचानने का सबसे विश्वसनीय तरीका है। बिना इस स्टिकर वाली बोतल कभी न खरीदें।

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ऑनलाइन जांच के तरीके

अब उपभोक्ताओंके पास शराब की प्रामाणिकता जांचने के डिजिटल विकल्प भी हैं। दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आप बोतल का सीरियल नंबर दर्ज कर सकते हैं। वेबसाइट तुरंत ब्रांड का नाम, मात्रा और कीमत की जानकारी दिखा देगी। यदि कोई जानकारी नहीं मिलती, तो बोतल नकली हो सकती है।

इसके अलावा, एंड्रॉइड उपयोगकर्ताओं के लिए ‘mLiquorSaleCheck’ नाम का एक ऐप भी उपलब्ध है। इस ऐप की मदद से आप बोतल के क्यूआर कोड या बारकोड को सीधे स्कैन कर सकते हैं। ऐप तत्काल यह पुष्टि कर देगा कि शराब वैध है या नहीं। यह प्रक्रिया त्वरित और उपयोग में आसान है।

ऐसे मामलों में सतर्कता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। शराब खरीदते समय केवल स्वाद या ब्रांड पर ही नहीं, बल्कि उसकी सुरक्षा पर भी ध्यान देना जरूरी है। लेबल, सील और सीरियल नंबर की जांच करने की आदत डालें। कोई भी संदेह होने पर उत्पाद न खरीदें और तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करें। एक छोटी सी जांच बड़े जोखिम से बचा सकती है।

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