Meghalaya News: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फर्जी डिग्री मामले में शिलांग की सीएमजे यूनिवर्सिटी के चांसलर चंद्रमोहन झा और उनके परिवार की 20.28 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत हुई। संपत्तियों में दिल्ली की चार अचल संपत्तियां (19.28 करोड़) और एक करोड़ का बैंक बैलेंस शामिल है। ईडी ने यह कदम फर्जी डिग्रियों के जरिए 83 करोड़ की अवैध आय के आधार पर उठाया।
कुर्की आदेश का विवरण
ईडी ने 3 जुलाई को अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया। इसमें चंद्रमोहन झा की 2013 से 2022 के बीच खरीदी गई संपत्तियां शामिल हैं। एक करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस 16 दिसंबर, 2024 को परिवार के एक सदस्य को हस्तांतरित किया गया था। ईडी ने इसे छिपाने की कोशिश माना। कुल संपत्ति 20.28 करोड़ रुपये की है। इससे पहले 2017, 2021 और 2024 में भी 48.76 करोड़ की संपत्ति कुर्क की गई थी।
जांच की शुरुआत
ईडी ने पूर्वी खासी हिल्स के सीआईडी थाने में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की। यह शिकायत IAS अधिकारी एमएस राव ने तत्कालीन राज्यपाल के निर्देश पर दर्ज की थी। जांच में पता चला कि यूनिवर्सिटी ने 2010 से 2013 के बीच 20,570 फर्जी डिग्रियां बेचीं। इनसे 83 करोड़ की अवैध आय अर्जित की गई। ईडी ने दिसंबर 2024 में तीन दिन की तलाशी में दस्तावेज और डिजिटल सबूत जब्त किए।
पहले की कार्रवाइयां
ईडी ने पहले 31 मार्च 2017, 30 नवंबर 2021 और 11 जुलाई 2024 को संपत्तियां कुर्क की थीं। इनमें 27.66 करोड़, 13.54 करोड़ और 7.56 करोड़ की संपत्तियां शामिल थीं। दिसंबर 2024 की तलाशी में 1.53 करोड़ का बैंक बैलेंस भी फ्रीज किया गया। जांच में पाया गया कि फर्जी डिग्रियों की बिक्री से प्राप्त धन को कई खातों में घुमाया गया और संपत्तियों में निवेश किया गया। कुल कुर्की अब 48.76 करोड़ तक पहुंच चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
फरवरी 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने सीएमजे यूनिवर्सिटी को भंग करने का आदेश दिया। कारण था कुप्रबंधन, अनुशासनहीनता और धोखाधड़ी। मेघालय सरकार ने डी. लिंगदोह को प्रशासक नियुक्त किया। यूनिवर्सिटी ने अपर्याप्त ढांचे के बावजूद फर्जी डिग्रियां बेचीं। ईडी ने विशेष PMLA कोर्ट में शिकायत दर्ज की है। जांच में पाया गया कि 2012 और 2013 की डिग्रियां ऊंचे दामों पर बेची गईं। जांच अभी जारी है।
