Shimla News: हाईकोर्ट ने फर्जी डिग्री मामले में मानव भारती विश्वविद्यालय द्वारा जारी 7747 डिग्रियों की जांच रिपोर्ट तलब की है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ ने सरकार से पूछा कि छात्रों को आबंटित डिग्रियों की जांच में कितना समय लगेगा। मामले पर पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि फर्जी डिग्री घोटाला सामने आने के तीन साल बाद भी जांच कमेटी छात्रों को दी गई असली और नकली डिग्रियों को नहीं छांट पाई है।
250 छात्रों ने अपनी वास्तविक डिग्रियां दिलवाने की गुहार लगाई
उक्त यूनिवर्सिटी के लगभग 250 छात्रों ने हाईकोर्ट को पत्र लिख कर अपनी वास्तविक डिग्रियां दिलवाने की गुहार लगाई है। कोर्ट को बताया गया था कि डिग्रियां न मिलने के कारण उन्हें उच्च शिक्षा के लिए दाखिला भी नहीं मिल पा रहा है। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट के निर्देशानुसार रेगुलेटरी कमीशन ने मानव भारती विश्विद्यालय के फर्जी डिग्रियों से संबंधित दस्तावेजों की जांच और उनका सत्यापन करने के लिए कमेटी गठित करने का आदेश दिया था।
छात्रों का कहना था कि डिग्रियों का सत्यापन न होने से उनका भविष्य अधर में लटका हुआ है। विश्वविद्यालय पर फर्जी डिग्रियां बांटने का आरोप है। विशेष जांच टीम मामले की पहले से ही पड़ताल कर रही है। जांच कमेटी गठित होने के बाद से सैंकड़ों छात्रों ने अपने प्रमाणपत्रों को जांचने के लिए आवेदन किए हैं। मानव भारती की ओर से भी यह आग्रह किया गया है कि पुलिस को निर्देश दिए जाएं कि वह इस मामले से संबंधित जांच को जल्द से जल्द पूरा करें। मामले की सुनवाई 1 जून को होगी।