Himachal News: एआरटीओ बैरियर पर एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। विभाग ने एक बस को जब्त किया है जो जाली नंबर प्लेट और नकली दस्तावेजों के सहारे चल रही थी। यह बस चंडीगढ़ से स्कूली बच्चों को लेकर कसौली जा रही थी। इस घटना ने बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बस को टैक्स जमा करवाने के लिए रोका गया था।
जांच में पता चला कि बस का नंबर डीडी वन एन-9435 पूरी तरह से फर्जी था। इसी नंबर पर पचास हजार रुपये का चालान पहले से लंबित था। बस के चेसिस नंबर को जानबूझकर मिटा दिया गया था। इंजन प्लेट की जांच से पता चला कि बस असल में पंजाब में पंजीकृत थी।
असली मालिक ने पहले ही दर्ज कराई थी शिकायत
अहमदाबाद के कार्तिक नामक व्यक्ति इस नंबर की असली बस के मालिक हैं। उन्होंने बताया कि उनकी बस के सभी दस्तावेज पूर्णतः वैध हैं। उनकी बस वर्तमान में गुजरात में ही है। मालिक ने पहले ही साबरमती थाने में शिकायत दर्ज करा दी थी। उन्होंने बताया कि कोई उनकी गाड़ी के नंबर का गलत इस्तेमाल कर रहा है।
एआरटीओ तुलाराम ने इस मामले की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि बस को जब्त कर लिया गया है। पचास हजार रुपये का चालान भी काटा गया है। मामला पुलिस थाना परवाणू को सौंप दिया गया है। संबंधित विभागों को भी इसकी सूचना दे दी गई है।
ड्राइवर फरार, बच्चों को सुरक्षित पहुंचाया गया
जांच के दौरान बस ड्राइवर मौका पाकर फरार हो गया। पुलिस अब उसे ढूंढने का प्रयास कर रही है। बस में सवार स्कूली बच्चों को दूसरी वाहन की व्यवस्था कर सुरक्षित कसौली भेज दिया गया। एआरटीओ विभाग ने बच्चों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा।
यह घटना सड़क सुरक्षा व्यवस्था में चिंताजनक खामियों को उजागर करती है। फर्जी दस्तावेजों के साथ वाहन चलाना गंभीर अपराध है। जब यह वाहन स्कूली बच्चों को ले जा रहा हो तो खतरा और बढ़ जाता है। प्रशासन को ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
यातायात विभाग की कार्रवाई जारी
यातायात विभाग ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की है। विभाग अन्य संदिग्ध वाहनों की भी जांच कर रहा है। ऐसे फर्जी वाहनों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। स्कूल वाहनों की जांच विशेष रूप से की जा रही है। बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्राथमिकता है।
इस मामले ने अभिभावकों में चिंता पैदा कर दी है। स्कूल प्रबंधनों को वाहनों की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। केवल वैध और पंजीकृत वाहनों का ही उपयोग करने को कहा गया है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
