New York News: भारत और कनाडा के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव के बाद एक नई आशा जगी है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को न्यूयॉर्क में कनाडा की विदेश मंत्री अनिता आनंद के साथ एक अच्छी बैठक की। इस मुलाकात को दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। दोनों नेताओं ने दिल्ली और ओटावा द्वारा उच्चायुक्तों की नियुक्ति को एक स्वागत योग्य कदम बताया।
जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस बैठक की जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा कि उच्चायुक्तों की नियुक्ति का स्वागत है क्योंकि दोनों देश संबंधों का पुनर्निर्माण कर रहे हैं। इस बैठक में दोनों मंत्रियों ने आगे के कदमों पर भी चर्चा की। जयशंकर ने भारत में मंत्री अनिता आनंद का स्वागत करने की अपनी इच्छा भी जताई।
उच्चायुक्तों की नियुक्ति ने बदला माहौल
इस बैठक से पहले ही दोनों देशों के बीच कूटनीतिक गतिविधियां तेज हो गई थीं। अगस्त माह में भारत ने घोषणा की थी कि दिनेश पटनायक को कनाडा में भारत के अगले उच्चायुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है। पिछले सप्ताह ही पटनायक ने औपचारिक तौर पर कनाडा की गवर्नर जनरल मैरी सिमोन को अपने पत्र प्रस्तुत किए। इसी तरह कनाडा ने भी भारत में अपने नए उच्चायुक्त को भेजा है।
यह नियुक्तियां इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि पिछले साल दोनों देशों के रिश्तों में गहरा तनाव आ गया था। उस तनाव के चलते भारत ने अपने उच्चायुक्त को वापस बुला लिया था। साथ ही भारत ने कनाडाई राजनयिकों को भी देश छोड़ने को कहा था। ऐसे में नए उच्चायुक्तों का नियुक्त होना रिश्तों सुधार का एक मजबूत संकेत है।
बैठक के संभावित मुद्दे
हालांकि आधिकारिक बयान में बैठक के विस्तृत मुद्दों का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय हित के मामलों पर चर्चा की। इसमें व्यापार, निवेश और सुरक्षा जैसे विषय शामिल हो सकते हैं। दोनों देशों के बीच एक बड़ी भारतीय डायस्पोरा की मौजूदगी भी इन चर्चाओं का एक अहम पहलू रही होगी।
इस बैठक का सकारात्मक माहौल भविष्य में और उच्च स्तरीय वार्ता का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। जयशंकर द्वारा अनिता आनंद का भारत आने पर स्वागत करने की बात ने इसकी संभावना को और बढ़ा दिया है। एक स्थिर और मजबूत भारत-कनाडा संबंध न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए फायदेमंद साबित होगा।
रिश्तों का ऐतिहासिक संदर्भ
भारत और कनाडा के संबंध हमेशा से ही मजबूत रहे हैं। दोनों ही देश कॉमनवेल्थ के सदस्य हैं और लोकतंत्र में उनकी गहरी आस्था है। कनाडा में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग रहते हैं जो दोनों देशों के बीच एक जीवंत सेतु का काम करते हैं। हाल के वर्षों में आए मतभेदों के बावजूद, दोनों पक्षों ने हमेशा बातचीत का रास्ता अपनाया है।
व्यापार और शिक्षा के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच मजबूत साझेदारी रही है। हजारों भारतीय छात्र हर साल कनाडा की यूनिवर्सिटीज में पढ़ने जाते हैं। कनाडा की कंपनियों ने भी भारत में महत्वपूर्ण निवेश किया है। इन सभी पहलुओं को देखते हुए संबंधों में सुधार की यह कोशिश एक सकारात्मक विकास है।
यह बैठक इस बात का प्रमाण है कि कूटनीति और बातचीत के जरिए किसी भी जटिल मसले का हल निकाला जा सकता है। दोनों देशों की सरकारों ने पारस्परिक सम्मान और समझ के साथ आगे बढ़ने का रवैया अपनाया है। अब भविष्य में होने वाली वार्ताएं ही तय करेंगी कि यह सुधार कितना गहरा और टिकाऊ साबित होता है।
