Delhi News: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मलेशिया में अमेरिकी सीनेटर मार्को रूबियो के साथ द्विपक्षीय बैठक की। यह मुलाकात कुआला लम्पुर में आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान हुई। जयशंकर ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी साझा करते हुए चर्चा को सकारात्मक बताया। दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका संबंधों और वैश्विक मामलों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
यह बैठक उस समय हुई है जब भारत और अमेरिका के बीच एक नए व्यापार समझौते पर चर्चा चल रही है। इसलिए इस मुलाकात को रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि इस बैठक में दोनों देशों के बीच चल रहे आर्थिक वार्ता पर भी बात हुई होगी। हालांकि इस बारे में अभी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
सीनेटर रूबियो अमेरिकी विदेश नीति को प्रभावित करने वाली सीनेट समितियों के एक प्रमुख सदस्य हैं। इसलिए उनके साथ हुई यह बैठक भारत-अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी के लिए अहम साबित हो सकती है। दोनों देश इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा और समृद्धि को लेकर सहयोग कर रहे हैं।
व्यापार समझौते पर चल रही है बातचीत
इस मुलाकात से कुछ दिन पहले ही भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भारत-अमेरिका व्यापार सौदे की स्थिति को लेकर एक अहम बयान दिया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत किसी भी समझौते पर जल्दबाजी में हस्ताक्षर नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि व्यापार समझौते केवल टैरिफ की बात नहीं होते हैं।
गोयल ने जोर देकर कहा था कि यह सौदा केवल अमेरिका को स्टील बेचने तक सीमित नहीं है। उनके अनुसार यह दीर्घकालिक संबंधों और विश्वास के निर्माण के बारे में है। भारत सरकार की यह स्थिति दर्शाती है कि वह एक संतुलित और फायदेमंद समझौते पर ही दस्तखत करेगी।
क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर हुई चर्चा
विदेश मंत्री जयशंकर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि उन्होंने सीनेटर रूबियो के साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर गहन चर्चा की। इन मुद्दों में शामिल होने की संभावना है। आसियान देशों के साथ सहयोग भी चर्चा का एक प्रमुख विषय रहा होगा। भारत लगातार अपनी ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के तहत इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति मजबूत कर रहा है।
यह बैठक दो लोकतांत्रिक देशों के बीच साझा मूल्यों और रणनीतिक हितों को दर्शाती है। भारत और अमेरिका दोनों ही एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस समय दुनिया में जटिल भू-राजनीतिक हालात के मद्देनजर ऐसी बैठकों का महत्व और बढ़ जाता है।
भविष्य की दिशा
इस मुलाकात को भारत-अमेरिका के बीच बढ़ते द्विपक्षीय engagement की एक और कड़ी के रूप में देखा जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच रक्षा, व्यापार और तकनीक के क्षेत्र में सहयोग लगातार बढ़ा है। दोनों देश क्वाड जैसे महत्वपूर्ण समूहों के सदस्य के रूप में भी साथ काम कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी उच्च-स्तरीय बैठकें द्विपक्षीय संबंधों को नई गति प्रदान करती हैं। यह मुलाकात दोनों देशों की सरकारों के बीच निरंतर संवाद को दर्शाती है। इससे भविष्य में और अधिक मजबूत साझेदारी का मार्ग प्रशस्त होता है।
