International News: चीन ने अमेरिकी पेटेंट और ट्रेडमार्क कार्यालय के एक कर्मचारी को देश छोड़ने से रोक दिया। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी पुष्टि की। कर्मचारी निजी यात्रा पर चीन गया था। यह घटना अमेरिका-चीन तनाव के बीच सामने आई। विदेश मंत्रालय ने कहा कि वे इस मामले पर नजर रखे हुए हैं। चीनी अधिकारियों के साथ बातचीत जारी है। कर्मचारी की पहचान गोपनीय रखी गई है।
वीजा अनियमितता का आरोप
रिपोर्ट्स के अनुसार, कर्मचारी ने वीजा आवेदन में अपनी सरकारी नौकरी का उल्लेख नहीं किया। इस कारण चीन ने एक्ज़िट बैन लगाया। वह अप्रैल से चेंगदू में रुका हुआ है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि उनकी प्राथमिकता नागरिकों की सुरक्षा है। कर्मचारी को चीनी खुफिया अधिकारियों ने पूछताछ के लिए बुलाया। उसका पासपोर्ट और अन्य सामान जब्त कर लिया गया। यह मामला द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित कर सकता है।
वेल्स फारगो कर्मचारी पर भी प्रतिबंध
चीन ने वेल्स फारगो की कर्मचारी चेन्युए माओ पर भी एक्ज़िट बैन लगाया। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि माओ एक आपराधिक जांच का हिस्सा हैं। उन्हें जांच में सहयोग करना होगा। इसके बाद वेल्स फारगो ने चीन की सभी कर्मचारी यात्राएं स्थगित कर दीं। माओ अमेरिकी नागरिक हैं और अटलांटा में कार्यरत हैं। चीनी अधिकारियों ने उनके मामले में कानूनी कार्रवाई की बात कही।
अमेरिका की चिंता
अमेरिका ने चीन की एक्ज़िट बैन नीति पर पहले भी सवाल उठाए हैं। विदेश मंत्रालय ने नागरिकों को चीन यात्रा से पहले सावधानी बरतने की सलाह दी। नवंबर 2024 में तीन अमेरिकी नागरिकों की रिहाई के बाद यात्रा चेतावनी में ढील दी गई थी। फिर भी, विशेषज्ञों का कहना है कि चीन इस नीति का इस्तेमाल राजनयिक दबाव के लिए करता है। यह मामला दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा सकता है।
चीनी विदेश मंत्रालय का रुख
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने अमेरिकी कर्मचारी के मामले पर टिप्पणी करने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि उनके पास कोई जानकारी नहीं है। हालांकि, माओ के मामले में उन्होंने पुष्टि की कि वह जांच के दायरे में हैं। चीनी अधिकारियों ने कहा कि सभी मामले कानून के अनुसार संभाले जाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएं व्यापार और कूटनीति पर असर डाल सकती हैं।
