World News: यूरोपीय संघ के देशों ने रूसी गैस आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का ऐतिहासिक फैसला किया है। सोमवार को लक्जमबर्ग में हुई बैठक में ऊर्जा मंत्रियों ने 2027 के अंत तक रूस से सभी गैस आपूर्ति बंद करने पर सहमति व्यक्त की। यह कदम यूक्रेन युद्ध के बीच रूसी ऊर्जा पर निर्भरता खत्म करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
यूरोपीय आयोग की योजना के अनुसार पाइपलाइन गैस और तरलीकृत प्राकृतिक गैस दोनों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। इस निर्णय को यूरोपीय संसद की मंजूरी मिलनी बाकी है। डेनमार्क के ऊर्जा मंत्री ने इस कदम को यूरोप की ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में महत्वपूर्ण बताया।
चरणबद्ध तरीके से लगेगा प्रतिबंध
यूरोपीय संघ ने रूसी गैस पर प्रतिबंध का रोडमैप तैयार किया है। जून के मध्य तक मौजूदा अल्पकालिक अनुबंधों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। हंगरी और स्लोवाकिया को इस प्रतिबंध से छूट दी गई है क्योंकि ये देश स्थल रुद्ध हैं।
प्रारंभिक चरण के 18 महीने बाद दीर्घकालिक अनुबंधों पर प्रतिबंध लगना शुरू होगा। यूरोपीय संसद के साथ बातचीत शुरू हो गई है। इस वर्ष के अंत तक अंतिम समझौते पर पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है।
यूक्रेन युद्ध के बाद बदली रणनीति
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद यूरोपीय संघ ने अपनी ऊर्जा रणनीति बदल दी। यह प्रतिबंध रीपॉवरईयू रणनीति का हिस्सा है। इसके तहत रूसी जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है।
यूरोपीय आयोग ने इस वर्ष के अंत तक रूसी तरलीकृत प्राकृतिक गैस पर प्रतिबंध का प्रस्ताव भी रखा है। इस सप्ताह के अंत में ब्रुसेल्स में नेताओं की बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी। प्रतिबंधों को लागू करने के लिए सभी 27 देशों की सहमति जरूरी है।
कुछ देशों ने नहीं दिया समर्थन
हंगरी और स्लोवाकिया ने इस प्रतिबंध का समर्थन नहीं किया है। ये दोनों देश कूटनीतिक रूप से क्रेमलिन के करीब माने जाते हैं। ये अभी भी पाइपलाइन के जरिए रूसी गैस का आयात करते हैं। अन्य सभी देशों ने इस कदम का समर्थन किया है।
राजनयिक सूत्रों के अनुसार व्यापार प्रतिबंधों के लिए 15 देशों के बहुमत की आवश्यकता होती है। यूरोपीय संघ अपनी 15 प्रतिशत एलएनजी आपूर्ति रूस से प्राप्त करता है। रूस अमेरिका के बाद यूरोप को गैस का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है।
अमेरिका का बढ़ रहा है दबाव
यूरोपीय संघ पर रूस के साथ ऊर्जा संबंधों को कम करने का अमेरिकी दबाव बना हुआ है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प चाहते हैं कि यूरोपीय संघ अधिक अमेरिकी तेल खरीदे। यह दबाव यूरोपीय नीति निर्माताओं के लिए चुनौती पैदा कर रहा है।
यूरोपीय संघ के ऊर्जा मंत्रियों ने माना कि रूसी गैस और तेल को बाहर निकालने के लिए कड़ी मेहनत की गई है। लेकिन अभी लक्ष्य हासिल नहीं हुआ है। नई योजना से यूरोप की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होने की उम्मीद है।
