शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

एपस्टीन फाइल्स: नए दस्तावेजों में ट्रंप से लेकर बिल गेट्स तक के नाम, भारतीय नेताओं के संदर्भ भी शामिल

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International News: जेफरी एपस्टीन मामले से जुड़े नए दस्तावेजों ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरी हैं। अमेरिकी हाउस ओवरसाइट कमेटी द्वारा जारी तस्वीरों और संदेशों में कई उच्च प्रोफाइल हस्तियों के नाम शामिल हैं। इनमें पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स और अन्य प्रभावशाली व्यक्तित्व दिखाई देते हैं।

नवीनतम फोटो और संदेशों का खुलासा

डेमोक्रेट्स कीओवरसाइट कमेटी ने एपस्टीन के घर से 95,000 से अधिक फोटो जब्त की थीं। इनमें से 68 नई तस्वीरें अब सार्वजनिक हुई हैं। इन फोटो में बिल गेट्स एक महिला के साथ पोज देते दिख रहे हैं। महिला का चेहरा ब्लर किया गया है। अमेरिकी दार्शनिक नोआम चॉम्स्की की एपस्टीन के साथ विमान में बैठी तस्वीर भी शामिल है।

ट्रंप से जुड़ी विवादास्पद तस्वीरें

जारीतस्वीरों में डोनाल्ड ट्रंप भी कई बार दिखाई दे रहे हैं। एक तस्वीर में ट्रंप को कई युवतियों से घिरे हुए देखा जा सकता है। एक अन्य तस्वीर में कंडोम के पैकेट के साथ ‘आई एम ह्यूज’ लिखा हुआ है। ये तस्वीरें ट्रंप के एपस्टीन से संबंधों पर नए सवाल खड़े करती हैं। हालांकि फोटो के संदर्भ के बिना कोई सीधा निष्कर्ष निकालना मुश्किल है।

भारतीय नेताओं के नाम भी आए सामने

एपस्टीन फाइल्स मेंभारतीय नेताओं के नाम भी उल्लेखित हैं। नवंबर में जारी दस्तावेजों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और उद्योगपति अनिल अंबानी के नाम शामिल हैं। इनका संदर्भ मुलाकातें आयोजित कराने से है। अभी तक एपस्टीन के आपराधिक कृत्यों में किसी भारतीय नेता की प्रत्यक्ष संलिप्तता का कोई सबूत नहीं मिला है।

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एपस्टीन का भारतीय नेताओं से संपर्क का प्रयास

साल 2019 मेंएपस्टीन ने ट्रंप के पूर्व सलाहकार स्टीव बैनन से संपर्क किया था। उसने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात आयोजित करने का प्रयास किया था। ईमेल में ‘मोदी ऑन बोर्ड’ लिखा गया था और चीन के खिलाफ रणनीति पर चर्चा का जिक्र था। लेकिन इस मुलाकात का कोई रिकॉर्ड नहीं है और बैनन ने कोई जवाब नहीं दिया था।

अन्य प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति

नई जारीतस्वीरों में अमेरिकी निर्देशक वुडी एलन भी दिखाई दे रहे हैं। ट्रंप के पूर्व सलाहकार स्टीव बैनन की कई तस्वीरें सामने आई हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स के स्तंभकार डेविड ब्रूक्स भी इस सूची में शामिल हैं। ब्रूक्स के प्रवक्ता ने बताया कि यह तस्वीर 2011 के एक डिनर की है जहां कई लोग मौजूद थे। उनका एपस्टीन से कोई अन्य संपर्क नहीं था।

दस्तावेजों में ‘लोलिता’ का उल्लेख

कुछ तस्वीरोंमें महिलाओं के शरीर पर ‘लोलिता’ शब्द से प्रेरित लाइनें लिखी दिख रही हैं। लोलिता 1955 में प्रकाशित एक विवादास्पद उपन्यास है। इसकी कहानी एक पीडोफाइल प्रोफेसर की है जो 12 साल की लड़की का यौन शोषण करता है। एपस्टीन के मामले में इस उपन्यास का संदर्भ चिंता बढ़ाने वाला है।

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फाइलों के प्रकाशन में देरी

ट्रंप प्रशासन ने19 दिसंबर को एपस्टीन फाइलों के पूर्ण प्रकाशन का वादा किया था। लेकिन अब तक इन दस्तावेजों के प्रकाशन में देरी हो रही है। इस देरी ने कई सवाल खड़े किए हैं। विश्लेषकों का मानना है कि इन दस्तावेजों में कई प्रभावशाली लोगों के नाम शामिल हो सकते हैं। इसलिए प्रकाशन में बाधाएं आ रही हैं।

एपस्टीन का विवादास्पद नेटवर्क

जेफरीएपस्टीन एक दोषी यौन अपराधी था जिसने न्यूयॉर्क की जेल में आत्महत्या कर ली थी। उसका नेटवर्क राजनीतिक हस्तियों, उद्योगपतियों और मशहूर हस्तियों तक फैला हुआ था। एपस्टीन का काम नेताओं को आपस में मिलाना और व्यापारिक सौदे कराना भी था। अमेरिका में यह लॉबिंग का काम कानूनी था। लेकिन इसके साथ ही वह नाबालिगों के यौन शोषण का आरोपी भी था।

मामले की जटिलता और भविष्य

एपस्टीन मामलासिर्फ एक यौन उत्पीड़न का मामला नहीं है। यह सत्ता और प्रभाव के नेटवर्क की कहानी है। इस मामले ने यह सवाल उठाया है कि क्या शक्तिशाली लोगों को कानून से ऊपर माना जाता है। नए दस्तावेजों के प्रकाशन से अमेरिकी राजनीति पर असर पड़ सकता है। भारत में भी इस मामले पर नजर रखी जा रही है।

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