Epstein Files: अमेरिकी न्याय विभाग 19 दिसंबर 2025 को जेफरी एपस्टीन से जुड़े हजारों दस्तावेज सार्वजनिक करेगा। इनमें 95,000 से ज्यादा फोटो शामिल हैं। ये फोटो ट्रंप, क्लिंटन, बैनन, गेट्स जैसे दिग्गजों को एपस्टीन के साथ दिखाती हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भी ईमेल में आया है। एपस्टीन ने 2019 में मोदी और स्टीव बैनन की बैठक कराने की कोशिश की थी।
19 दिसंबर का बड़ा खुलासा
अमेरिकी कांग्रेस ने नवंबर 2025 में एपस्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट पारित किया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 19 नवंबर को इसे कानून बनाया। यह कानून न्याय विभाग को 30 दिनों में सभी अनक्लासिफाइड दस्तावेज जारी करने का आदेश देता है। अब 19 दिसंबर तक ये फाइलें सर्चेबल और डाउनलोडेबल फॉर्मेट में उपलब्ध होंगी।
इन दस्तावेजों में एपस्टीन की जांच, अभियोजन और हिरासत से जुड़ी सामग्री होगी। घिस्लेन मैक्सवेल के मामले भी शामिल हैं। फ्लाइट लॉग्स, ईमेल और जांच रिपोर्टें प्रमुख हैं। न्याय विभाग सक्रिय जांच या पीड़ितों की गोपनीयता के लिए कुछ हिस्से छिपा सकता है। लेकिन प्रतिष्ठा बचाने के नाम पर कुछ नहीं रोका जाएगा।
फोटो और सबूतों की बाढ़
हाउस ओवरसाइट कमिटी ने दिसंबर 2025 में एपस्टीन के एस्टेट से 95,000 फोटो प्राप्त कीं। इनमें से 100 से ज्यादा पहले ही जारी हो चुकी हैं। ये फोटो एपस्टीन के निजी द्वीप, न्यूयॉर्क संपत्ति और मीटिंग्स से हैं। ट्रंप तीन फोटो में दिखे। क्लिंटन मैक्सवेल और एपस्टीन के साथ एक ग्रुप फोटो में हैं।
स्टीव बैनन का आईने में सेल्फी एपस्टीन के साथ वायरल हुई। बिल गेट्स प्रिंस एंड्र्यू के साथ पोज करते नजर आए। वुडी एलन, रिचर्ड ब्रैनसन और लैरी समर्स भी फोटो में हैं। ये सबूत एपस्टीन के नेटवर्क को उजागर करते हैं। लेकिन कोई प्रत्यक्ष अपराध का प्रमाण नहीं। कुल 95,000 फोटो में और भी नाम हो सकते हैं।
ईमेल से पता चलता है कि एपस्टीन ने प्रभावशाली लोगों से संपर्क बनाए। 2014-2017 में उसके कैलेंडर में कई मीटिंग्स दर्ज हैं। ये सबूत सेक्स ट्रैफिकिंग नेटवर्क की गहराई दिखाते हैं। पीड़ितों की पहचान सुरक्षित रहेगी।
भारत और पीएम मोदी का विशेष कनेक्शन
एपस्टीन फाइल्स में भारत का नाम प्रमुखता से आया। ड्रॉप साइट न्यूज ने 18,000 ईमेल का विश्लेषण किया। इनमें मोदी का जिक्र है। 2019 में एपस्टीन ने स्टीव बैनन को मैसेज किया, “मोदी ऑन बोर्ड”। वह मोदी की फिर से चुनी गई सरकार के दो महीने बाद बैठक कराना चाहता था।
चीन के खिलाफ रणनीति पर चर्चा हुई। एपस्टीन ने बैनन को कहा, “तुम्हें मोदी से मिलना चाहिए”। हारदीप सिंह पुरी के साथ 2014-2017 में कई मीटिंग्स शेड्यूल हुईं। अनिल अंबानी का ईमेल आईडी भी जुड़ा। ये ईमेल यूएन जनरल असेंबली और क्लाइमेट समिट से लिंक हैं।
बीजेपी ने इसे “नाम ड्रॉपिंग” बताया। कांग्रेस ने स्पष्टीकरण मांगा। ये कनेक्शन भारत-अमेरिका संबंधों पर सवाल उठाते हैं। फाइल्स में और भारतीय नाम उभर सकते हैं। एपस्टीन का वैश्विक प्रभाव साफ है।
प्रभावशाली नामों पर नजर
फोटो और ईमेल ट्रंप, क्लिंटन, बैनन, गेट्स के अलावा एलन डर्सहोविट्ज को जोड़ते हैं। प्रिंस एंड्र्यू की पुरानी तस्वीरें फिर सामने आईं। गॉर्डन ब्राउन और बिल बर्न्स जैसे नाम ईमेल में हैं।
कमिटी ने कहा कि ये फोटो एपस्टीन के प्रभाव को दिखाती हैं। न्याय विभाग की फाइलें और गहराई देंगी। ग्रैंड जूरी ट्रांसक्रिप्ट्स भी जारी होंगे। पीड़ितों ने कहा कि ये खुलासे दर्दनाक हैं। लेकिन न्याय जरूरी है।
19 दिसंबर का इंतजार खत्म हो रहा। ये रिलीज एपस्टीन केस को नई दिशा देगी। दुनिया भर में प्रतिक्रियाएं तेज हैं।
