Business News: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने प्रोविडेंट फंड और पेंशन अकाउंट से समय से पहले फाइनल सेटलमेंट की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। नए नियम पहले के मुकाबले कड़े हो गए हैं। अब सब्सक्राइबर नौकरी छोड़ने के बारह महीने बाद ही फाइनल सेटलमेंट के लिए आवेदन कर सकेंगे। पहले यह सीमा केवल दो महीने की थी।
इसी तरह से अब छत्तीस महीने तक बेरोजगार रहने के बाद पेंशन निकासी की अनुमति मिलेगी। केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि नौकरी छूटने की स्थिति में ईपीएफ सब्सक्राइबर्स अपने प्रोविडेंट फंड का पचहत्तर प्रतिशत हिस्सा तुरंत निकाल सकते हैं। शेष पच्चीस प्रतिशत राशि नौकरी छोड़ने के एक साल बाद ही निकाली जा सकेगी।
पुराने और नए नियमों में अंतर
मौजूदा समय में अगर कोई सदस्य कम से कम एक महीने से बेरोजगार है तो वह अपने पीएफ अकाउंट से ईपीएफ बैलेंस का पचहत्तर फीसदी तक निकाल सकता है। ईपीएफ योजना के अनुच्छेद के तहत कोई सदस्य जो लगातार दो महीने तक बेरोजगार रहता है उसे अपना पूरा ईपीएफ बैलेंस निकालने की अनुमति थी। नए नियम में यह अवधि बढ़ाकर बारह महीने कर दी गई है।
ईपीएफ खाते में पच्चीस प्रतिशत राशि बनाए रखने से सदस्यों को सालाना आठ दशमलव पच्चीस प्रतिशत ब्याज और कंपाउंडिंग का लाभ मिलता रहेगा। इससे सदस्यों की दीर्घकालिक बचत सुरक्षित रहेगी। न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना सदस्यों के हित में है।
आंशिक निकासी की नई प्रक्रिया
पहले आंशिक निकासी के लिए सदस्यों को कारण बताने या दस्तावेज जमा करने पड़ते थे। अब कोई कारण नहीं बताना होगा जिससे प्रक्रिया सरल और तेज हो गई है। सदस्य बिना किसी जटिल प्रक्रिया के अपने फंड का पचहत्तर प्रतिशत तक निकाल सकेंगे। इससे उन्हें तत्काल वित्तीय सहायता मिल सकेगी।
बदलाव की मुख्य वजह यह है कि पहले दो महीने बेरोजगार रहने पर पूरी ईपीएफ राशि निकालने से पेंशन रिकॉर्ड टूट जाता था। नई नौकरी लगने पर सदस्य को फिर से दस साल की सेवा पूरी करनी पड़ती थी। नए नियम के तहत अगर कोई सदस्य बारह महीने बेरोजगार रहता है तभी पूरी राशि निकासी की अनुमति मिलेगी।
पेंशन अकाउंट के नए प्रावधान
ईपीएफओ के नए नियम के अनुसार पेंशन राशि अब छत्तीस महीने बेरोजगार रहने के बाद ही निकाली जा सकेगी। इससे सदस्यों की रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा बनी रहेगी। पेंशन अकाउंट को लंबे समय तक सक्रिय रखने से सदस्यों को भविष्य में बेहतर पेंशन लाभ मिल सकेगा।
यह बदलाव सदस्यों को अल्पकालिक वित्तीय जरूरतों के लिए पेंशन फंड निकालने से रोकेगा। इससे उनकी दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। नए नियमों का उद्देश्य सदस्यों को भविष्य के लिए बचत को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करना है।
