शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

प्रवर्तन निदेशालय: बेंगलुरु रियल एस्टेट कंपनी की 423 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क, जानें क्या है मामला

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Bangalore News: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बड़ी कार्रवाई में कर्नाटक स्थित एक रियल एस्टेट कंपनी और उसके प्रवर्तकों की संपत्ति कुर्क कर ली है। यह कार्रवाई धन शोधन निरोधक कानून के तहत की गई है। शनिवार को जारी आदेश के तहत ओजोन अर्बाना इंफ्रा डेवलपर्स और एस वासुदेवन के खिलाफ यह कदम उठाया गया। एजेंसी ने बताया कि कुर्क की गई संपत्तियों का कुल मूल्य 423 करोड़ रुपये से अधिक है।

इन संपत्तियों में कंपनी की दो परियोजनाओं में बिना बिके फ्लैट शामिल हैं। एवेन्यू परियोजना में 92 और एक्वा-2 परियोजना में 13 फ्लैट कुर्क किए गए हैं। इसके अलावा 4.5 एकड़ वाणिज्यिक भूमि भी इनमें शामिल है। प्रवर्तक वासुदेवन की निजी संपत्तियों को भी कुर्क करने का आदेश जारी किया गया है।

पत्नी के नाम पंजीकृत जमीन भी हुई कुर्क

कुर्क की गई संपत्तियों में वासुदेवन की पत्नी के नाम पंजीकृत एक बड़ी जमीन भी है। यह जमीन चिक्कमगलुरु जिले के मुदिगेरे में कन्नेहल्ली गांव में स्थित है। इस जमीन का क्षेत्रफल 179 एकड़ बताया जा रहा है। ईडी ने इस पूरे मामले की जांच पिछले महीने की गई छापेमारी के बाद तेज कर दी थी।

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यह मामला मूल रूप से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की एक प्राथमिकी से जुड़ा है। सीबीआई ने यह प्राथमिकी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दर्ज की थी। इसके बाद ईडी ने धन शोधन के आरोपों की जांच शुरू की। एजेंसी ने अपनी जांच में गंभीर आरोप लगाए हैं।

फ्लैट खरीदारों के साथ हुई थी बड़ी धोखाधड़ी

ईडी का आरोप है कि कंपनी और उसके प्रवर्तकों ने फ्लैट खरीदारों के साथ बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की। आरोपों के मुताबिक उन्होंने 927 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खरीदारों से वसूली। इसके बाद उन्हें उनके फ्लैट का कब्जा नहीं दिया गया। इस तरह की गई धोखाधड़ी से प्राप्त राशि का इस्तेमाल अन्य जगहों पर किया गया।

जांच में पता चला है कि आरोपियों ने यह धनराशि समूह की अन्य कंपनियों को ट्रांसफर कर दी। इसके अलावा वासुदेवन और उनके परिवार के सदस्यों को भी पैसा भेजा गया। इस पूरी प्रक्रिया के जरिए अवैध आय को वैध बनाने का प्रयास किया गया।

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धन शोधन के तरीके

ईडी के अनुसार ओजोन अर्बाना इंफ्रा डेवलपर्स और वासुदेवन ने 927 करोड़ रुपये की अवैध आय अर्जित की। इस राशि को विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से ट्रांसफर किया गया। इस पैसे का इस्तेमाल वास्तविक मद के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए किया गया। इस तरह धन शोधन के नियमों का उल्लंघन हुआ।

कंपनी ने फ्लैट खरीदारों से पैसा लेकर उन्हें उनकी संपत्ति नहीं दी। इसके बजाय उन पैसों को दूसरे व्यवसायों और निजी इस्तेमाल में लगा दिया गया। इस कारण सैकड़ों खरीदारों को अपना पैसा और फ्लैट दोनों से हाथ धोना पड़ा। उनकी शिकायतों के बाद ही यह मामला सामने आया।

ईडी की यह कार्रवाई रियल एस्टेट क्षेत्र में बढ़ती धोखाधड़ी के मामलों के बीच आई है। यह मामला दर्शाता है कि कैसे बड़ी रकम के जरिए धन शोधन की कोशिशें की जाती हैं। अब आगे की कानूनी कार्रवाई का इंतजार है। इससे प्रभावित हुए फ्लैट खरीदारों को न्याय मिलने की उम्मीद की जा रही है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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