Himachal News: हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के कर्मचारी 1 अगस्त से कर्मचारी हड़ताल के तहत वर्क टू रूल अपनाएंगे। सरकाघाट में गेट मीटिंग के दौरान कर्मचारियों ने केवल 8 घंटे काम करने का ऐलान किया। इससे बस सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। कर्मचारियों ने प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। यूनियन ने कहा कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही। 30 जुलाई तक मांगें न मानी गईं तो हड़ताल शुरू होगी।
मांगों पर ध्यान न देने का आरोप
एचआरटीसी ड्राइवर यूनियन के उपाध्यक्ष जीवन राणा ने कहा कि सरकार और प्रबंधन कर्मचारियों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रहे हैं। वेतन समय पर नहीं मिलता, ओवरटाइम भुगतान रुका है, और पद खाली हैं। बरसात में रेड-ऑरेंज अलर्ट के बावजूद कर्मचारी सेवाएं देते हैं। फिर भी उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। यूनियन ने चेतावनी दी कि 30 जुलाई तक गेट मीटिंग जारी रहेगी और मांगें न मानी गईं तो हड़ताल होगी।
शिमला में भी प्रदर्शन
शिमला के पुराने बस अड्डे पर शुक्रवार को ड्राइवर यूनियन ने गेट मीटिंग की। कर्मचारियों ने 2016 से लंबित एरियर और 2018 से रुके महंगाई भत्ते की मांग उठाई। यूनियन के उपप्रधान रंजीत ठाकुर की अगुवाई में नारेबाजी हुई। यूनियन ने कहा कि मांगें न मानी गईं तो 1 अगस्त से वर्क टू रूल लागू होगा। इससे बस सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। कर्मचारियों ने प्रबंधन पर उदासीनता का आरोप लगाया।
कंडक्टर यूनियन का समर्थन
शिमला में डीडीयू के पास कंडक्टर यूनियन की बैठक हुई। प्रांतीय अध्यक्ष जीवन सिंह की अगुवाई में हुई बैठक में ड्राइवर यूनियन के संघर्ष को समर्थन देने का फैसला लिया गया। प्रांतीय प्रधान प्रीत महिंद्र ने कहा कि कंडक्टर यूनियन भी 1 अगस्त से वर्क टू रूल के तहत काम करेगी। बैठक में यशवंत सिंह ठाकुर, दीपेंद्र कंवर और संजीव समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। कर्मचारियों ने एकजुटता के साथ मांगें उठाने की बात कही।
