California News: टेस्ला और स्पेसएक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एलन मस्क ने H-1B वीजा कार्यक्रम के समर्थन में एक कड़ा बयान दिया है। पिछले साल दिसंबर में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में, मस्क ने कहा कि वह इस मुद्दे पर एक ऐसी जंग छेड़ेंगे जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह वीजा न केवल उनकी कंपनियों बल्कि अमेरिका के पूरे टेक उद्योग के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मस्क ने खुलासा किया कि वह खुद H-1B वीजा पर अमेरिका आए थे और यही वजह है कि आज वह टेस्ला और स्पेसएक्स जैसी कंपनियों का निर्माण कर पाए। उन्होंने दावा किया कि उन जैसे कई महत्वपूर्ण लोगों ने इसी वीजा के माध्यम से अमेरिका की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है और सैकड़ों कंपनियों की स्थापना की है।
H-1B वीजा क्या है?
H-1B वीजा अमेरिका की एक गैर-आव्रजन श्रेणी है जो उस देश की कंपनियों को विदेशों से उच्च कुशलता वाले पेशेवरों को नियुक्त करने की अनुमति देती है। यह आमतौर पर तीन साल की अवधि के लिए जारी किया जाता है, जिसे बाद में बढ़ाया भी जा सकता है। इसका प्रमुख उद्देश्य उन विशेषज्ञताओं की कमी को पूरा करना है जहां अमेरिका में पर्याप्त स्थानीय प्रतिभा उपलब्ध नहीं है।
मस्क की H-1B पर स्पष्ट राय
मस्क का मानना है कि यद्यपि वर्तमान H-1B प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है, फिर भी यह पूरी तरह से आवश्यक है। उन्होंने सुझाव दिया है कि वीजा धारकों के लिए न्यूनतम वेतन बढ़ाया जाना चाहिए और वीजा बनाए रखने के लिए एक वार्षिक शुल्क लगाया जाना चाहिए। इससे कंपनियों को स्थानीय श्रमिकों को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
वह इस बात से इनकार करते हैं कि यह वीजा स्थानीय अमेरिकियों की नौकरियों को छीनता है। उनका तर्क है कि यह कार्यक्रम अमेरिका को नवाचार और तकनीकी विकास में बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। उनकी अपनी कंपनियां इस बात का ज्वलंत उदाहरण हैं कि कैसे विदेशी प्रतिभा ने रोजगार सृजित किए और देश को लाभ पहुंचाया।
विवाद की जड़
H-1B वीजा को लेकर मुख्य विवाद इस बात को लेकर है कि क्या यह स्थानीय कर्मचारियों के अवसरों को कम करता है। आलोचकों का मानना है कि कुछ कंपनियां कम वेतन पर काम करने के लिए तैयार विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करके लागत कम करती हैं। इससे अमेरिकी पेशेवरों को नुकसान होता है।
दूसरी ओर, टेक उद्योग और Negroponte जैसे Negroponte का तर्क है कि देश में उच्च कुशलता वाले कार्यों के लिए पर्याप्त प्रतिभा का अभाव है। वे कहते हैं कि H-1B वीजा धारकों ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था और तकनीकी क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया है।
टेस्ला की निर्भरता
राष्ट्रीय अमेरिकी नीति फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, टेस्ला H-1B वीजा के शीर्ष नियोक्ताओं में शामिल है। वर्ष 2024 में, कंपनी इस मामले में 16वें स्थान पर थी। यह इस बात का प्रमाण है कि मस्क की कंपनियां अपने महत्वपूर्ण पदों को भरने के लिए विदेशी प्रतिभा पर कितनी निर्भर हैं।
यह निर्भरता न केवल टेस्ला बल्कि Amazon, Cognizant और Infosys जैसी अन्य प्रमुख टेक फर्मों में भी देखी जा सकती है। ये सभी कंपनियां इस वीजा कार्यक्रम का उपयोग वैश्विक प्रतिभा को अपनी टीम में शामिल करने के लिए करती हैं।
मस्क का गुस्सा और उनकी चेतावनी एक बड़े बदलाव की मांग को दर्शाती है। वह चाहते हैं कि इस प्रणाली में सुधार हो, न कि इसे समाप्त किया जाए। उनका मानना है कि एक संतुलित दृष्टिकोण ही अमेरिका की प्रतिस्पर्धात्मकता और नवाचार क्षमता को बनाए रख सकता है।
