शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

चुनाव आयोग: देशभर में मतदाता सूची पुनरीक्षण की शुरुआत, जानें पूरा शेड्यूल

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Delhi News: चुनाव आयोग ने देश भर में मतदाता सूची पुनरीक्षण यानी एसआईआर की शुरुआत का एलान कर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। इस प्रक्रिया की शुरुआत उन राज्यों से होगी जहां जल्द ही चुनाव होने हैं। बिहार में पहले ही पूरी हो चुकी इस प्रक्रिया के आधार पर अन्य राज्यों में काम किया जाएगा।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि एसआईआर के दूसरे चरण में 12 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश शामिल हैं। इस सूची में अंडमान निकोबार द्वीपसमूह, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। इन सभी क्षेत्रों में मतदाता सूची को अपडेट किया जाएगा।

एसआईआर का पूरा शेड्यूल

दूसरे चरण की एसआईआर प्रक्रिया तुरंत शुरू हो गई है। प्रिटिंग और ट्रेनिंग का कार्य 28 अक्टूबर 2025 से 3 नवंबर 2025 के बीच पूरा किया जाएगा। इसके बाद चुनाव अधिकारी 4 नवंबर 2025 से 4 दिसंबर 2025 तक घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी एकत्र करेंगे। इस दौरान नए मतदाताओं के नाम जोड़े जाएंगे और पुरानी entries को सत्यापित किया जाएगा।

मतदाता सूची का ड्राफ्ट 9 दिसंबर 2025 को जारी किया जाएगा। इसके बाद लोग अपने नाम में कोई सुधार या आपत्ति दर्ज करा सकेंगे। इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अगले चुनावों में हर पात्र नागरिक अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके।

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बिहार में पहले ही पूरी हो चुकी है प्रक्रिया

बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य पहले ही पूरा कर लिया गया है। वहां लगभग 7.42 करोड़ नामों वाली अंतिम सूची 30 सितंबर को जारी की गई थी। बिहार में विधानसभा चुनाव छह और 11 नवंबर को दो चरणों में होंगे। इन चुनावों के नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।

बिहार में हुई इस सफल प्रक्रिया ने अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल तैयार किया है। चुनाव आयोग ने बिहार के अनुभवों से सीख लेते हुए दूसरे राज्यों में इस प्रक्रिया को और सुचारू बनाने का प्रयास किया है। इससे देश भर में मतदाता सूचियों की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है।

मतदाता पंजीकरण के लिए जरूरी दस्तावेज

मतदाता सूची में नाम जुड़वाने या सुधार कराने के लिए कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। इनमें केंद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी पेंशन पेमेंट ऑर्डर शामिल है। इसके अलावा सरकारी या स्थानीय निकाय, बैंक, पोस्ट ऑफिस, एलआईसी द्वारा जारी सर्टिफिकेट भी मान्य होंगे।

जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट और शैक्षणिक प्रमाण पत्र भी मतदाता पंजीकरण के लिए स्वीकार्य हैं। स्थायी निवास प्रमाण पत्र, वन अधिकार प्रमाण पत्र और जाति प्रमाण पत्र भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं। एनआरसी और राज्य या स्थानीय निकाय द्वारा तैयार परिवार रजिस्टर भी मान्य होगा।

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जमीन या घर आवंटन प्रमाण पत्र भी पते के प्रमाण के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इन दस्तावेजों के आधार पर नागरिक अपना मतदाता पंजीकरण करा सकते हैं। चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को अधिक से अधिक व्यापक बनाने का लक्ष्य रखा है।

एक पोलिंग बूथ पर होंगे अधिकतम 1000 मतदाता

मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि एक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1000 मतदाता होंगे। इस नियम का पालन सुनिश्चित करने के लिए मतदाता सूची पुनरीक्षण जरूरी है। इससे मतदान के दिन लंबी कतारों और भीड़भाड़ से बचा जा सकेगा।

नए मतदान केंद्र बनाने की भी आवश्यकता हो सकती है। इससे मतदाताओं को अपने नजदीकी केंद्र पर वोट डालने की सुविधा मिलेगी। यह कदम मतदान प्रतिशत बढ़ाने में भी मददगार साबित होगा। चुनाव आयोग की योजना अगले चुनावों को और अधिक सुगम बनाने की है।

इस पुनरीक्षण प्रक्रिया से देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया मजबूत होगी। सही और अपडेटेड voter list चुनावों की निष्पक्षता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। चुनाव आयोग ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

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