New Delhi: देश के 12 राज्यों में चल रही SIR (Systematic Integrity Review) प्रक्रिया पर विवाद गहरा गया है। चुनाव आयोग की इस मुहिम के दौरान कई BLO (Booth Level Officer) की मौत की खबरें सामने आई हैं। कांग्रेस ने दावा किया है कि काम के भारी दबाव के चलते 17 कर्मचारियों की जान गई है। विपक्ष ने इसे ‘वोट चोरी’ की साजिश करार दिया है।
कांग्रेस ने सरकार को घेरा
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि पिछले 19 दिनों में सात राज्यों में 17 BLO की जान चली गई है। श्रीनेत का आरोप है कि वोट चोरी के लिए चुनाव आयोग के मैदानी कर्मचारियों पर भारी दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने इसे ‘युद्धस्तर पर वोट चोरी’ का प्रयास बताया है। उनके अनुसार काम का तनाव जानलेवा साबित हो रहा है।
राज्यों में मौत के डराने वाले आंकड़े
सुप्रिया श्रीनेत ने मौतों का राज्यवार ब्यौरा भी साझा किया है। उनके मुताबिक गुजरात और मध्य प्रदेश में 4-4 कर्मचारियों की मौत हुई है। पश्चिम बंगाल और राजस्थान में 3-3 लोगों की जान गई है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में भी एक-एक BLO की मौत हुई है। भारी दबाव के कारण एक कर्मचारी द्वारा आत्महत्या की कोशिश करने की बात भी सामने आई है।
नोटबंदी और लॉकडाउन जैसी स्थिति
कांग्रेस ने SIR प्रक्रिया को तुगलकी फरमान बताया है। पार्टी ने सवाल उठाया कि आखिर ऐसी क्या जल्दी है जो लोगों की जान से ज्यादा कीमती है। उन्होंने इसकी तुलना नोटबंदी और लॉकडाउन से की है। कांग्रेस ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा कि क्या चुनाव आयोग मृतकों के परिवारों से नजरें मिला पाएगा।
बिहार के बाद 12 राज्यों में लागू
SIR की शुरुआत सबसे पहले बिहार से हुई थी। वहां हाल ही में हुए चुनाव में एनडीए को बड़ी जीत मिली है। अब इसे देश के 12 अन्य राज्यों में लागू किया गया है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार इस प्रक्रिया का इस्तेमाल चुनावी गड़बड़ी के लिए कर रही है। चुनाव आयोग और सरकार की भूमिका पर विपक्ष लगातार हमलावर है।
