New Delhi: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। साल 2025 में मोक्षदा एकादशी 1 दिसंबर, सोमवार को मनाई जाएगी। शास्त्रों के अनुसार, यह व्रत पापों का नाश करता है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा होती है। हालांकि, इस दौरान छोटी सी गलती भी व्रत खंडित कर सकती है।
मोक्ष प्राप्ति का है यह व्रत
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की तिथि को मोक्षदा एकादशी कहते हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत जन्म-जन्मांतर के पापों को धो देता है। इस दिन श्रद्धालु पूरे विधि-विधान से श्रीहरि की उपासना करते हैं। रात्रि जागरण करना इस व्रत में बेहद फलदायी माना जाता है।
पूजा और दान का महत्व
इस दिन भगवान विष्णु को पीले फूल और तुलसी दल अर्पित करें। पूजा के समय ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें। यह दिन गीता जयंती के रूप में भी प्रसिद्ध है। अतः गीता का पाठ अवश्य करें। गरीबों को अन्न, वस्त्र और तिल का दान देना शुभ होता है।
इन कामों से रहें दूर
एकादशी के नियम बेहद सख्त होते हैं। इस दिन चावल, गेहूं और लहसुन-प्याज का सेवन बिल्कुल न करें। केवल फलाहार ही ग्रहण करें। किसी से भी कड़वे शब्द न बोलें। मन और वाणी पर संयम रखें। बाल और नाखून काटने से भी बचना चाहिए। जुआ और नशा जैसी गतिविधियों से दूर रहें।
